Friday, April 26, 2024
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नई दोस्ती नया साथ, मिले हाथों में हाथ, राहुल-टिकैत की मुलाकात के दौरान क्या हुआ?

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने भारत जोड़ो यात्रा के हरियाणा चरण के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। राकेश टिकैत वापस लिए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के विरोध के दौरान प्रमुख नेताओं में शामिल थे। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा बहुत से लोगों को जोड़ने और उन्हें एक मंच देने में सफल रही है। किसान नेता ने राहुल गांधी के साथ अपनी मुलाकात और दोनों नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई, इस बारे में इंडिया टुडे से बात की है। 

राहुल-टिकैत की मुलाकात के दौरान क्या हुआ?

राहुल से मुलाकात पर टिकैत ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों की समस्याओं को रखा। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के उन किसानों का मुद्दा उठाया जिनकी जमीन पर राज्य की नई राजधानी बन रही है और कहा कि किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला। टिकैत ने यह भी कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सेब किसानों और जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के किसानों की समस्याओं को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष उठाया।

राहुल गांधी ने राकेश टिकैत से क्या कहा?

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि कांग्रेस नेता ने उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किसानों के बेटों के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बताया, जो खेती के अलावा अन्य करियर बनाना चाहते हैं। टिकैत ने कहा कि राहुल गांधी ने उनके साथ एक नीति पर चर्चा की, जो युवाओं को खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। वहीं, राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी की किसान मामलों की समिति पार्टी के घोषणापत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का फॉर्मूला रखेगी।

क्या बैठक राजनीतिक थी?

राकेश टिकैत ने बैठक को पूरी तरह अराजनीतिक बताते हुए कहा कि वह राजनीतिक दलों से मिलते रहते हैं और इस मुलाकात को इसी तरह देखा जाना चाहिए। टिकैत ने कहा कि जब तक वे किसानों से जुड़े मुद्दों पर बात करते हैं, भाजपा सहित किसी भी राजनीतिक दल के साथ बातचीत करने में उन्हें कोई हिचक नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी हैं, इसलिए वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जा रहे हैं। जहां तक ​​किसानों के वोट बैंक की बात है तो अलग-अलग किसानों का झुकाव अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रति होता है, इसलिए किसान संगठन उन्हें किसी को वोट देने के लिए नहीं कहते हैं। लेकिन टिकैत ने माना कि किसानों में केंद्र सरकार को लेकर गुस्सा है और आने वाले चुनाव में वे इसे वोट के जरिए भी जाहिर करेंगे। 

आगे क्या है रणनीति?

26 जनवरी को किसान संगठन हरियाणा के जींद में ट्रैक्टर रैली करेंगे, जिसमें विभिन्न राज्यों के किसान शामिल होंगे। भारतीय किसान यूनियन 28 जनवरी से यूपी के मुजफ्फरनगर में गन्ना मूल्य, एमएसपी और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेगी। मार्च के महीने में दिल्ली में महापंचायत का भी आयोजन किया जाएगा। 

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