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एक अभिव्यक्ति

समान्यत:औरतें लड़कियां जब अपने भाई अपने पति-पिता या और किसी कलिग या गार्जियन के साथ होती हैं तो वह निर्भीक स्वतंत्रत और बेफिक्र होती हैं चुकी उन्हें पूर्णता भरोसा होता है कि उनके साथ जो है वह सब संभाल लेगा, और समान्यत: ऐसा होता भी है आपके पिता भाई पति या जो गार्जियन है वह पूर्णता अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं और आपको कंफर्टेबल फील कराते हैं,यह एक तरह की अच्छी अनुभूति भी है और अरसों से चली आ रही एक आदत और परंपरा भी

कैसा लगता है जब आपके दोस्त, भाई ,पिता परिवार वाले बोलते हों कि हम निश्चिंत होते हैं बेफिक्र होते हैं जहां आप होती हो हमें पूर्णता यकिन होता है कि आप सब संभाल लोगे?।

कहीं ना कहीं अपना काम स्वयं करना, दूसरे के भरोसे ना रहना, अपने जिम्मेदारियां का पूर्णता निर्वहन करना, विचलित न होना, जो भी हो उसके लिए तैयार रहना, आपको मजबूत बनाता है और आपके परिवार आपका गार्जियन को चिंता से मुक्त करता है उन्हें आश्वस्त करता है कि आप सब संभाल लोगे।हां यह अलग बात है कि आपको वंचित करता है उन विशेष अनुभूतियों से जो एक सुखद अनुभूति हैं।

हां लेकिन समय के साथ-साथ और जरूरत के साथ-साथ यह अति आवश्यक है ऐसी परवरिश दी जाए, ऐसे माहौल में पढ़ाया _ बढ़ाया जाय ,और सिखाया जाए की वह सब कुछ कर सकती हैं उन्हें किसी भी अदर सपोर्ट की आवश्यकता नहीं है वह अपनी हर परिस्थितियों से अकेले लड़ सकती हैं और खड़ी रह सकती हैं साथ ही वह दूसरों की भी सहायता कर सकती हैं , अपनी जिम्मेदारियां का बखूबी निर्वहन कर सकती हैं , और यह उनका दायित्व और कर्तव्य दोनों है।
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…….. प्रियंका पांडेय……………

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