रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन
वाराणसी।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से ज्ञानवापी की सच्चाई दुनिया के सामने अति शीघ्र आए इस निमित्त सोमवार को नमामि गंगे ने महर्षि वेद विद्यालय के वेदपाठी बटुकों के साथ संकल्प लेकर प्रार्थना की । ज्ञानवापी में मौजूद शिवलिंग और काशी विश्वनाथ के चित्र को लेकर आरती उतारी गई । गंगा सेवक नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के संयोजन में बटुको ने द्वादश ज्योतिर्लिंग, काशी विश्वनाथाष्टकम , शिव महिम्न स्तोत्रम का पाठ करके देवाधिदेव महादेव से गुहार लगाई । प्रार्थना के दौरान हर हर महादेव, भारत माता की जय, वंदे मातरम्, गंगा मैया की जय की गूंज रही । वेद पाठी बटुकों ने हाथ जोड़कर भोले शिव शंकर से याचना की । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग, ज्ञानवापी-ज्ञान का कुआं, अलंकृत नक्काशीदार स्तंभ, दीवार पर बनी बजरंगबली की मूर्ति, घंटियां, नक्काशीदार खंभे व अन्य हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न एकदम स्पष्ट देखे जा सकते हैं। ज्ञानवापी के भीतर तथा बाहर बैठे नंदी ज्ञानवापी परिसर की असलियत दर्शा रहे हैं। ज्ञानवापी में दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र, हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न स्पष्ट रूप से उपस्थित दिखते हैं। इससे यह पता चलता है ज्ञानवापी के भीतर आज भी मंदिर के बहुत सारे अवशेष मौजूद हैं । आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला , महर्षि वेद विद्यालय के बटुक पंडित आकाश गर्ग , आशीष पांडेय, सूरज पांडेय अनंत तिवारी , सौरभ द्विवेदी , हर्ष त्रिपाठी, मोहित पांडेय उपस्थित रहे ।