रिपोर्टर मुकेश सिंह
स्वतंत्र पत्रकार विजन
बैरिया बलिया।दियराचंल के गोपालनगर टाड़ी के पास कटान की सूचना पर सोमवार को जिलाधिकारी पूरे लाव लश्कर के साथ घाघरा के कटान स्थल पर पहुंचकर घाघरा का रौद्र रूप देखा। लोगो से सीधे सीधे संवाद करते हुये जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि जान है तो जहान है। आप लोग समय से पहले कटान स्थल से दूर सेफ जगह पर चलिये। घाघरा के रौद्र रुप को देखकर तटवर्तीय लोग खासा दहशत में हैं। कटान पीड़ितों का कहना है कि तिल तिल कर मरने से अच्छा है एक दिन ही मर जाना। शासन प्रशासन से बार बार आग्रह के बावजूद भी इस कटान का कोई स्थायी समाधान न होने से हम लोगों की कृषि योग्य भूमि का कटना निरंतर जारी है। हम लोगों का जीविकोपार्जन का कोई दूसरा सहारा नही है। दियरांचल की उपजाऊ भूमि घाघरा के कटान से रोज रोज कटती जा रही है। जिलाधिकारी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि कटान को रोकने के लिये हर संभव उपाय किया जायेगा। जिलाधिकारी के आग्रह के बाद गोपालनगर टांडी के रहवासी सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए तैयार हो गए। बताते चले कि रविवार को सरयू नदी के जलस्तर मे घटाव के साथ ही नदी में तेज धारा व बैकरोल के चलते कटान काफी तेज हो गया था। कटान इतना तेज था कि किसानों की उपजाऊ जमीन काफी क्षेत्रफल में सरयू नदी के पेटे में समाता जा रहा है।
बाढ़ विभाग फ्लड फाइटिंग के बीच पूरे दिन बंबू क्रेट विधि से कटान रोधी कार्य कर रहा है। जगह जगह बांस गाड़ कर उसमें झाड़-झंखाड़ दिन भर डाला जारहा है। जिलाधिकारी ने कटान को रोकने के कार्यों में लगे लोगो से पूछा कि आप लोगों द्वारा किये जा रहे कार्यों से फिलहाल कटान को रोका जा सकता है के जबाब में उन लोगो का कहना था कि घाघरा में बैक रोलिंग होने से कटान की तीब्रता बढ़ जाती है ऐसे में कटान को रोका जाना संभव नही है फिलहाल कटान के वेग को कम करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। मौके पर मौजूद बाढ़ विभाग के एसडीओ अमृत लाल को जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इस कार्य मे लगे मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाय। जितना संभव हो कटान को कम करने का प्रयास किया जाय। कटान स्थल पर रोशनी की व्यस्था के लिये जेनरेटर सेट 24 घंटे रखा जाय। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने एसडीएम आत्रेय मिश्र को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि गंगा व घाघरा के कटान स्थलों पर किये जा रहे कार्यो की मॉनिटरिंग पूरी तत्परता से होनी चाहिये। इस कार्य मे लगे अधिकारियों व कर्मचारियों की शिथिलता कत्तई बर्दाश्त नही की जायेगी। कटान क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। जान माल का नुकसान न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय।