स्वतंत्र पत्रकार विजन
रिपोर्ट संवाददाता
गाजीपुर। सादात विकास खंड इन दिनों मनरेगा कार्यों में कथित अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों में है। ताजा मामला विकास खंड के भीमापार गांव का है, जहां मनरेगा योजना के तहत नाले की खुदाई का कार्य कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, 13 दिसंबर को नाले की खुदाई के कार्य में कागजों में 153 मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि मौके पर न तो मजदूर दिखे और न ही कार्य होता पाया गया। वहीं अगले ही दिन उसी नाले की खुदाई जेसीबी मशीन से कराई गई, जबकि मनरेगा मजदूरों की हाजिरी फर्जी तरीके से दर्ज किए जाने का आरोप है।
सूत्रों की मानें तो ग्राम प्रधान द्वारा पूर्व में भी कई कार्य जेसीबी मशीन से कराए गए, जिनमें ग्राम सचिव की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। सचिव की सहमति से ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता किए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कुछ जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए सरकारी धन के दुरुपयोग का माध्यम बनती जा रही है।
मामले को लेकर खंड विकास अधिकारी सादात की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि अधिकारी की जानकारी में होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं जनपद स्तर पर डीसी मनरेगा की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस प्रकरण में जांच कर दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है, या मामला कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।
