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मुंडा की धरती पर 17 से 23 दिसंबर तक साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया की कथा..

8 साल की उम्र में कंठस्थ किया श्रीमद भागवत कथा का सार,
सनातन की रक्षा के लिए साध्वी श्वेतिमा का का संकल्प

स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवाददाता

गड़वा झारखंड

आठ वर्षीय बाल साध्वी
गोरक्षधाम की आठ वर्षीय प्रख्यात सरस्वती स्वरूपा साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया के द्वारा सत्रह से तेईस दिसंबर तक सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का आयोजन पुराने समाहरणालय के पीछे स्थित जानकी बाग में किया गया है। साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया पूरे विश्व में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में लगी हैं, उनका कहना है कि भागवत कथा का वाचन धर्म के प्रचार में मिशन होगा, न कि धन उपार्जन हेतु प्रोफेशन। साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया महज आठ वर्ष के आयु में ही पूरे भागवत कथा के सार को अपना लिया है और बड़े ही सारगर्भित ढंग से वह भागवत पुराण में लिखित श्लोकों को बड़े परिमार्जित रूप से श्रोताओं तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। विदित हो कि साध्वी श्वेतिमा के पिता सौहार्द शिरोमणि संत डा.सौरभ पांडेय, धराधाम अंतराष्ट्रीय सेवा संस्थान के संस्थापक और माताजी रागिनी पाण्डेय एक प्रसिद्ध समाजसेविका हैं। साध्वी श्वेतिमा का कहना है कि अद्भुत, अलौकिक और दिव्य अनुभूति, श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से हृदयस्थ छुपे विनाशक शत्रु, काम, क्रोध, मद, मोह, लाभ, अहंकार, ईर्ष्या, द्वेष, छल, कपट, प्रपंच और वैमनस्य का सर्वनाश होता है। फिर व्यक्ति के अंत: करण शुद्ध हो कर ऐसे खिल उठता है जैसे सूरज के उदय होने से कमल.. फिर व्यक्ति प्रकृति के रहस्यों को समझने के काबिल भी हो जाता है। पुराणों में वर्णित है कि कहीं भी जब श्रीमद्भागवत कथा होता है तो देवता भी अदृश्य रूप में कथा अमृत का रसपान करते हैं। यह अमृत से भी दुर्लभ और कीमती है। अभिभावक के रूप में विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी रहेंगे तथा भामाशाह स्वरूप युवा हृदय सम्राट आलोक त्रिपाठी उर्फ टुल्लू ,उदय मिश्रा उर्फ बउआ मिश्रा , विमलेश शुक्ला, मिथिलेश दुबे उर्फ मंटू दुबे, दिनेश सिंह, विकास माली, नीरज श्रीधर, अधिवक्ता आशीष दुबे,नागेंद्र बिंद, पुरुषोत्तमत चंदेल तथा गढ़वा शहर भक्तजनों के सहयोग से श्रीम्द भगवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
कथा में सभी गढ़वा वासियों की गरिमामयी उपस्थिति प्रार्थनीय है।

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