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मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग एवं विपणन केंद्र का डीएम ने किया वैदिक मंत्रों के बीच भूमिपूजन

स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव

गाज़ीपुर । जनपद में 15 दिसम्बर 2024 को उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग एवं विपणन केंद्र की स्थापना भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्र, पी.जी. कॉलेज, गाजीपुर में की जा रही है। इसका शिलान्यास एवं भूमि पूजन समारोह वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आज कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और अजीत कुमार सिंह, अपर महाधिवक्ता, उत्तर प्रदेश शासन तथा कृषि विज्ञान केंद्र के चेयरमैन, पी.जी. कॉलेज, गाजीपुर ने समारोह की अध्यक्षता की।
इस केंद्र की स्थापना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से प्रदेश के किसानों के समग्र उत्थान के लिए की जा रही है। इसे जनपद गाजीपुर में अजीत कुमार सिंह के अथक प्रयासों से स्थापित किया गया है। यह केंद्र प्रदेश का पहला मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग एवं विपणन केंद्र है, जो गाजीपुर जनपद के लिए गर्व का विषय है।
इस केंद्र के माध्यम से जिले के किसान, महिलाएं, युवक एवं युवतियां सीधे लाभान्वित होंगे। मिलेट्स के उत्पादन, बिक्री और इसके उत्पादों का विपणन अब अधिक सुगम होगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने केंद्र के प्रयासों की सराहना की और सभी किसानों, विशेष रूप से महिला किसानों, को श्री अन्न/मिलेट्स के उत्पादन के लिए प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह ने किसानों को इस योजना के महत्व और इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि वे किसानों के साथ मिलकर उनके खेतों में श्री अन्न की अधिकाधिक खेती को बढ़ावा देने में सहयोग प्रदान करें।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित मिनी सीड प्रोसेसिंग इकाई का निरीक्षण किया और उसकी कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
मिलेट्स, जिसे श्री अन्न भी कहा जाता है, मानव जाति का सबसे प्राचीन और पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ है। यह ज्वार, बाजरा, रागी, मडुआ, कोदो, कुटकी, कांगनी आदि फसलों को शामिल करता है। अपनी उच्च पोषण क्षमता, जलवायु सहनशीलता और कम संसाधन आवश्यकताओं के कारण यह फसल प्राचीन काल से उगाई जा रही है। हालांकि, 1980 के बाद श्री अन्न के उत्पादन में गिरावट आई, क्योंकि किसानों ने गेहूं और चावल की ओर रुख किया।
भारत सरकार ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष घोषित किया है, जिससे इसकी खेती और उपयोग को बढ़ावा मिल रहा है। इसके पोषण लाभ और बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए, आने वाले समय में मिलेट्स के उत्पादों की व्यापक संभावनाएं हैं।

इस अवसर पर प्रगतिशील महिला किसान अंजू चतुर्वेदी ने मिलेट्स से बने उत्पादों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में संजीव सिंह, राणा प्रताप सिंह, कृपाशंकर सिंह, प्रो. बालेश्वर सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार सिंह, डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ. शिव कुमार सिंह, डॉ. ओमकार सिंह, आशीष कुमार बाजपेयी, मनोज कुमार मिश्रा, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. अमित प्रताप, आशुतोष सिंह, सुनील कुमार आदि गणमान्य व्यक्तियों सहित 110 किसान उपस्थित रहे।

गाजीपुर में स्थापित यह केंद्र न केवल किसानों को सशक्त करेगा, बल्कि जनपद को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा। श्री अन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह एक मील का पत्थर साबित होगा।

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