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यूपी निवासी कोच्चि के सहायक श्रम आयुक्त रिश्वत लेते गिरफ्तार

विभिन्न समाजिक संगठनों ने गिरफ़्तारी का किया विरोध, दलित उत्पीड़न का लगाया आरोप

स्वयं शाही
स्वतंत्र पत्रकार विज़न

जनपद गोरखपुर सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) ने शहर के एक ठेकेदार से रिश्वत लेते हुए उत्तर प्रदेश निवासी एक केंद्रीय सहायक श्रम आयुक्त को उनके कोच्चि स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अधिकारी की पहचान उत्तर प्रदेश के ग्राम सेमरौना,पोस्ट बरही,थाना झंगहा, ब्लॉक खोराबार, गोरखपुर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश चंद्र, विकास अधिकारी, भारतीय जीवन बीमा निगम, संत कबीर नगर के दामाद अजीत कुमार के रूप में हुई है।सूत्रों ने बताया कि आरोपी उत्तर प्रदेश के ग्रीन सिटी,थाना गोरखनाथ,गोरखपुर का रहने वाला और केन्द्र सरकार में श्रम विभाग का अधिकारी है,जिसने एक निर्माण कंपनी के प्रबंधक से कथित तौर पर रिश्वत की मांग की थी।शिकायतकर्ता की फर्म को कोच्चि स्थित एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में मरम्मत कार्य करने के लिए उप-अनुबंध मिला था।सूत्रों ने बताया कि यह श्रम आयुक्त का कार्यालय था जिसने श्रमिकों के लिए कंपनी को प्रवेश पास जारी किए थे।वीएसीबी सूत्रों ने बताया कि पास जारी करने के लिए आरोपी सहायक श्रम आयुक्त ने 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी।इसके बाद एर्नाकुलम वीएसीबी रेंज के एसपी एस. शशिधरन के पास शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और 20,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपी अजीत कुमार के खिलाफ पहले भी रिश्वत लेने का आरोप कई श्रमिक संगठनों द्वारा लगाया गया था, जिसकी पुष्टि इस बार हो गई। आरोपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए वीएसीबी जल्द ही विभाग को रिपोर्ट सौंपेगा।सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार अधिकारी के लेन-देन की विस्तृत जांच की जाएगी और उसके कार्यालय तथा आवास पर वीएसीबी की छापेमारी के दौरान कुछ दस्तावेज और पूर्व में लिए गए रिश्वत कि रकम बरामद किए गए हैं।डीएसपी एनआर जयराज ने अपनी सूझ बूझ और योजनाबद्घ तरीके से गिरफ्तारी की। इंस्पेक्टर विनोद सी और मधु आर,सब-इंस्पेक्टर जोशी जैकब,सुकुमारन और उन्नीकृष्णन,सहायक सब-इंस्पेक्टर जोसेफ और वरिष्ठ सिविल पुलिस अधिकारी सुनील जिजिमोन,धनेश,बिजुमोन, प्रीजीथ और विनेश भी टीम का हिस्सा थे।आपको बताते चले की सहायक श्रम आयुक्त की गिरफ़्तारी का विरोध उत्तर प्रदेश के कई समाजिक संगठनों ने किया है और आरोप लगाया है कि सरकार दलित अधिकारियों को टारगेट कर बेवजह गिरफ्तार कराकर बदनाम कर रही है और कैरियर के साथ खिलवाड़ कर रही है।गाडगे यूथ ब्रिगेड, संत गाडगे सामाजिक उत्थान समिति, धोबी एकता मिशन, संत कबीर नगर के अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों सहित गिरीश चंद्र ने भी गिरफ़्तारी पर विरोध जताया है।

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