पी एन पाण्डेय
हैदराबाद। हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रभाषा सेवा संघ (रजिस्टर्ड) और देवनागरी उत्थान फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से हिंदी पखवाड़ा 2024 का आगाज़ बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस 14-दिवसीय कार्यक्रम का आरंभ आभासी पटल पर हुआ, जिसमें पहले दिन कविता गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिंदी सेवीयों ने अपना अमूल्य योगदान दिया और अपनी काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में देवनागरी उत्थान फाउंडेशन के संस्थापक, डॉ. सुनील दुबे जी ने आयोजन का सफल संचालन किया। उनकी कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में पूरे कार्यक्रम का अत्यंत उत्कृष्ट ढंग से निर्वाह किया गया। देश-विदेश से आए अध्यापक गण और हिंदी प्रेमियों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी अद्वितीय प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, धराधाम के संस्थापक, संत शिरोमणि डॉ. श्री सौरभ पाण्डेय जी थे। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन की शोभा को और भी बढ़ा दिया। डॉ. पाण्डेय जी ने हिंदी भाषा के उत्थान और प्रचार-प्रसार पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, सभी प्रतिभागियों और आयोजकों की सराहना की। इस कार्यक्रम में जज की भूमिका निभा रही डॉ.प्रतिमा सिंह ने लोगों का उत्साहवर्धन किया और प्रतिभागियों को शुभकामना देते हुए इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की अनुमति प्रदान की ,तत्पश्चात डॉक्टर अंजली शर्मा ने मंच संचालन का कार्य अपने हाथों में लिया और अपनी मधुर आवाज से सम बाँधती हुई कार्यक्रम के प्रतिभागियों को मंच पर आमंत्रित करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापन किया और अंत में अपनी कविता के माध्यम से इसमें चार चाँद लगाने का कार्य किया। इसमें कुल 22 युवा कवियों ने हिस्सा लिया जिनकी कविताएं राजनीति, धार्मिक और सब कुछ से ऊपर हिंदी से जुड़ी हुई थी और अपनी मधुर गायन से श्रोताओं को उत्प्रोत किया कुछ कविताएं वर्तमान परिस्थितियों को दर्शाती हुई प्रस्तुत की गई जो आज की समाज के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत की है। वहीं पर श्री कृष्ण को समर्पित कविता ने सबको भक्ति भाव से भर दिया ।मां के लिए समर्पित कविता ने मां के प्रति सब को मातृ प्रेम की भावनाओं से भर दिया। इस तरह से इन कवियों की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है निश्चय ही ये कविगण दूसरे कवियों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे ।हम सब उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आने वाले दिनों में भी विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें हिंदी भाषा की समृद्धि और विविधता का परिचय दिया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों को भविष्य के आयोजनों में भी इसी प्रकार की उत्साही भागीदारी के लिए आमंत्रित किया।