क्यों बताएगा वह कुछ ना बताया होगा
बस यूं ही किसी बात पर जी भर आया होगा
कांप उठता है अब आजमाइश के नाम पर
सोचो उस शख्स को किस-किस ने आजमाया होगा
उसके लिए तो जैसे कोई जुमला ही था
उससे पूछो जिसने आखिर तक निभाया होगा
ऐ दिल थम ना खलल कर ना परेशां कर मुझे
ये जो आज अपना हुआ है कल पराया होगा
यूं ही नहीं भागा है सब कुछ छोड़कर अपना
किसी ने सब कुछ छीन कर उसको भगाया होगा
वो बहक कर पहलू में भी आए तो सोचना एक बार
उसके घर को भी एक औरत ने मशक्कत से बसाया होगा
ईमानदारी की बातें करता है ईमानदारी नहीं करता
जरूर वो शख्स अपने ईमान को जिंदा जलाया होगा
इस बार भी हम ड्यूटी से अपने गांव को ना लौटे
इस बार भी त्योहार मां ने रोकर मनाया होगा
…………….. प्रियंका पांडेय…………………..