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“प्राण प्रतिष्ठा” !….प्रभु श्री राम के ननिहाल से 3 हजार क्विंटल चावल,ससुराल से उपहारों का 1100 थाल,जानें राम मंदिर में कहां से क्या आएगा

रिपोर्ट कमलेश कुमार स्वतंत्र पत्रकार

रामनगरी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है।इसलिए अब तैयारियां बहुत तेजी से हो रही हैं।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही सभी काम पूरे कर लिए जाएं।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए अलग-अलग स्थानों से बहुत सारी चीजें रामनगरी अयोध्या जा रही हैं।

रामनगरी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए देशभर के अलावा विदेशों से भी चीजें भेजी जा रही हैं।रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ से तीन हजार क्विंटल चावल आएगा।ससुराल नेपाल के जनकपुर से कपड़े, फल और मेवा के साथ-साथ उपहारों से सजे 1100 थाल आएगा।इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों से बहुत सारा सामान रामनगरी अयोध्या आएगा।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी।इसके बाद रामलला को विशेष भोग लगाया जाएगा, जिसमें ननिहाल के चावल और ससुराल का मेवा शामिल होगा।
रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3 हजार क्विंटल चावल आएगा।अब तक की सबसे बड़ी चावल की ये खेप होगी, जो रामनगरी पहुंचेगी।इसे छत्तीसगढ़ के जिलों से एकत्र किया गया है।
रामलला की ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल और मेवा 5 जनवरी को रामनगरी आएगा।उपहारों से सजे 1100 थाल भी आएगा।
नेपाल से आभूषण, बर्तन, कपड़े और मिठाइयों के अलावा भार भी आएगा, जिसमें 51 प्रकार की मिठाइयां, दही, मक्खन और चांदी के बर्तन शामिल होंगे।
यूपी के एटा जिले से रामलला के दरबार में अष्टधातु का 21 किलो का घंटा आएगा। दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा घंटा होगा, जिसकी लागत 25 लाख रुपये है। इसे बनाने में 400 कर्मचारी लगे हुए हैं।

यूपी के एटा से अयोध्या पहुंच रहे घंटे की चौड़ाई 15 फुट और अंदर की चौड़ाई 5 फुट है।इसका वजन 2100 किलो है। इसे बनाने में एक साल का समय लगा है।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुजरात के वडोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती रामनगरी अयोध्या आ रही है।यह अगरबत्ती बनकर तैयार है। अगरबत्ती को पंचगव्य और हवन सामग्री के साथ गाय के गोबर से बनाया गया है। अगरबत्ती का वजन 3500 किलो है।अगरबत्ती की लागत पांच लाख से ऊपर है।इसे तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है।

यह अगरबत्ती को वड़ोदरा से रामनगरी अयोध्या 110 फीट लंबे रथ में आएगी।अगरबत्ती बनाने वाले विहा भरवाड़ ने बताया कि एक बार इसे जलाने पर ये डेढ़ महीने तक लगातार जलती रह सकती है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की चरण पादुकाएं भी वहां पर रखी जाएंगी। रामलला की ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं।पादुकाएं 19 जनवरी को रामनगरी अयोध्या आएंगी।इसे हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने तैयार किया है। श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन श्रीराम पादुकाओं के साथ रामनगरी अयोध्या की 41 दिनों की परिक्रमा की थी।इसके बाद इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बद्रीनाथ तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है और विशेष पूजा की जा रही है।

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