कमलेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन
संतकबीरनगर: स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था ऐसी की क्षेत्र में कुकुरमुत्ता की तरह पनप रहे अस्पताल पर इनका कोई प्रभाव या असर होता नहीं दिख रहा। जिसका दुष्परिणाम है कि आए दिन कहीं न कहीं जीवन लीला को मौत में तब्दील करने के लिए आमादा है ऐसे नौसिखिए अस्पताल। अगर समय रहते संत कबीर नगर का स्वास्थ्य विभाग जाग जाता तो शायद युवक की जान बच सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सुंदरा पाली क्लीनिक के द्वारा गलत इलाज से युवक की हुई मौत पीड़ित पक्ष पहुंच जिला अधिकारी के पास न्याय की गुहार लगाई जिससे अस्पताल को सीज करना पड़ा। सुंदरा अस्पताल के प्रबंधक खुद एक सरकारी डॉक्टर हैं ,और सरकारी पद पर रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करना गैर कानूनी है। सादर एसडीएम शैलेश कुमार दुबे को जांच का जिम्मा मिला, जांच के दौरान युवक की मौत का जिम्मेदार मानते हुए स्वास्थ्य विभाग के सीएचसी बघौली अधीक्षक श्वेतांग सिंह व उनकी टीम ने आज सुंदरा पाली क्लीनिक को सरकारी ताला लगा कर अनिश्चित समय के लिए सील कर दिया।