अयोध्या
अमित सिंह की रिपोर्ट
रामनगरी में फर्जी पहचान पत्र बनाने का धंधा पकड़ा गया है। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनसे अवैध ढंग से बनाए गए आधारकार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, मतदाता पहचान पत्र आदि मिले हैं।
पकड़े गए युवक रामनगरी में अलग-अलग स्थानों पर जनसेवा केंद्र संचालित करते हैं। कोतवाल अयोध्या मनोज कुमार शर्मा की टीम ने तीनों को फर्जी अभिलेखों के साथ उनके प्रतिष्ठान से गिरफ्तार किया है।
पकड़े गए लोगों में कनीगंज निवासी अवधबिहारी पांडेय, बछड़ा सुलतानपुर निवासी प्रशांत सिंह एवं कौशल्या घाट मछुआना निवासी सत्यवीर मांझी हैं। पहचान पत्र के इस अवैध धंधे के बारे में मंगलवार को पुलिस को जानकारी हुई। देर रात तक कार्रवाई चलती रही। टीम ने पहले अशर्फी भवन चौराहे पर संचालित मालती स्टूडियो पर छापा मारा।
अवध बिहारी यहां जनसेवा केंद्र का भी संचालन करता है। पुलिस को देख उसने भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से दो निवास प्रमाणपत्र, चार आधारकार्ड, तीन पैन कार्ड तथा निर्वाचन कार्ड की छाया प्रति एवं एक जन्म प्रमाणपत्र मिला। अवध बिहारी ने बताया कि वह रुपयों के लालच में यह कृत्य करता है। उसने विभीषण कुंड पर संचालित जयश्री कंप्यूटर के संचालक सत्यवीर एवं रामघाट चौराहा पर संचालित श्री शक्ति इंटर प्राइजेज के स्वामी प्रशांत सिंह को अपना सहयोगी और इस अवैध धंधे में लिप्त बताया।
इसके बाद पुलिस ने इन दोनों प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की, जहां से फर्जी निवास प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड एवं जन्म प्रमाणपत्र मिले। कोतवाल अयोध्या ने बताया कि तीनों के पास से तीन लैपटाप, तीन मोबाइल फोन, चार निवास प्रमाण पत्र, एक जन्म प्रमाण पत्र, 11 आधार कार्ड, सात पैन कार्ड, दो निर्वाचन कार्ड मिले हैं। फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर आरोपी लोगों का पहचान पत्र तैयार करते थे। मूल प्रारूप स्कैन करके कंप्यूटर से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार करते थे।
◾अब तक कई लोगों को जारी कर चुके हैं प्रमाणपत्र
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने अब तक कई लोगों को अवैध रूप से पहचान पत्र जारी किया है। इनकी कुल संख्या 100 से 150 के करीब होगी। पुलिस अब इस विषय पर जांच कर रही है कि कितने लोगों को अवैध रूप से पहचानपत्र जारी हुआ है। रामनगरी में आगामी 11 नवंबर को दीपोत्सव एवं उसके बाद 22 जनवरी 2024 को राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव है। इन दोनों ही अवसरों पर बड़ी संख्या में वीवीआइपी और देश-विदेश के गणमान्य नागरिक यहां उपस्थित रहेंगे। ऐसे अवसर पर स्थानीय एवं बाहरी की पड़ताल के लिए पहचान पत्र ही प्रमुख माध्यम होता है। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं।