रिपोर्ट
शशिकान्त जायसवाल स्वतंत्र पत्रकार विजन
गाजीपुर जिले में आज रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान बाजारों में राखियों, मिठाइयों और उपहार की दुकानों पर लोगों की काफी भीड़ रही। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और मिठाई खिलाकर उनके दीर्घायु होने की कामना की। इसके बाद भाइयों ने बहनों को उपहार भेंट किए। इसके अलावा खुशी के इन पलों की मोबाइल से फोटो लेकर और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर दिनभर बधाइयों का भी सिलसिला चला।
जानकारी के अनुसार आज रक्षाबंधन के साथ इस बीच काफी भाई-बहनों ने रक्षाबंधन मनाने से परहेज किया। जिन्होंने रात में पर्व मनाया। ऐसे ही कई आज सुबह तक बन रहे पर्व के मुहूर्त में राखी बंधवाएंगे। दुकानदारों के मुताबिक बाजार में आई छोटा भीम, डोरेमॉन, मोटू पतलू, स्पाइडरमैन, माइटी राजू जैसे कार्टून किरदारों की राखियां बच्चों को खूब भा रही हैं। इसके अलावा लाइट वाली राखियां भी खूब खरीदी गईं।भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व श्रावण (सावन) पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस कारण इसे श्रावणी या रक्षाबंधन कहते हैं। श्रावण पूर्णिमा इस बार दो दिन 30 व 31 अगस्त को मिल रही, पर पहले दिन सुबह से भद्रा व दूसरे दिन छह घटी से कम समय तक ही पूर्णिमा मिल रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा सूर्य देव की पुत्री व शनिदेव की बहन हैं। भद्रा का स्वभाव क्रोधी है। जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह जन्म लेने के फौरन बाद ही पूरे सृष्टि को अपना निवाला बनाने लगी थीं। इस तरह से भद्रा के कारण जहां भी शुभ, मांगलिक कार्य, यज्ञ व अनुष्ठान होते वहां विघ्न आने लगता है। इस कारण से जब भद्रा लगती है, तब किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। पूर्णिमा तिथि की शुरुआती आधा हिस्सा भद्रा काल होता है, जिस कारण से रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया होने के कारण राखी नहीं बांधी जाती है।