रिपोर्ट कमलेश कुमार स्वतंत्र पत्रकार विजन
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत पांच लाख रुपये तक का मासिक पैकेज देने के बाद भी यूपी के सरकारी अस्पतालों को डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। बड़े पैकेज देकर तैनात किए गए कई डॉक्टरों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। अब ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार की जा रही है, जिससे संबंधित डॉक्टर का बिड निरस्त करके दूसरे नंबर वालों को मौका दिया जा सके। एनएचएम के तहत प्रदेश में नीलामी (रिवर्स बिडिंग) प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें सर्वाधिक मानदेय पांच लाख रुपये प्रतिमाह रखा गया। नीलामी प्रक्रिया के तहत विभिन्न जिलों में 17 तरह के विशेषज्ञों के लिए आवेदन मांगे गए। कुल 2,371 विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इनमें से 391 विशेषज्ञों के प्रमाणपत्रों की जांच कराई गई। इसके बाद 100 विशेषज्ञ चिकित्सकों को अस्पताल में कार्यभार ग्रहण करने का आदेश दिया गया। इसमें सबसे ऊंची बोली एनेस्थेटिस्ट (बेहोशी के डॉक्टर) की लगी। चित्रकूट की राजापुर सीएचसी में डॉ. गणेश सिंह को पांच लाख रुपये प्रतिमाह के पैकेज पर तैनात किया गया है। इन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वहीं, कई अस्पतालों में डॉक्टरों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग अब ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार करा रहा है। इस संबंध में सभी संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारियों व अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित डॉक्टर की बिड स्थगित करते हुए उससे नीचे वाले नाम को वरीयता के आधार पर मौका दिया जाएगा। हमीरपुर जिला अस्पताल में चेस्ट रोग विशेषज्ञ के रूप में 3.45 लाख रुपये प्रतिमाह के पैकेज पर डॉ. सुनीत कुमार का चयन हुआ। सीएमएस डॉ. विनय प्रकाश के मुताबिक अभी तक डॉ. सुनीत ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इसी तरह बलरामपुर जिला अस्पताल में 3.29 लाख के पैकेज पर आए बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव राज ने भी कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। रेडियोलॉजिस्ट के रूप में अधिकतम 4.50 लाख रुपये प्रतिमाह के पैकेज पर जिला अस्पताल गोंडा में डॉ. मानवेंद्र सिंह की नियुक्ति की गई। सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि उन्होंने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इसी तरह मऊ जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एपी गुप्ता ने बताया कि 1.97 लाख में आए डॉ. विद्याधर चौहान कार्यभार ग्रहण करने के बाद से छुट्टी पर चले गए हैं।