स्वतंत्र पत्रकार विजन
इक़बाल अहमद
जनपद गोरखपुर फर्जी आईएएस के करोड़ों की ठगी के मामले की जांच में रोजाना चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं पुलिस की जांच में पता चला है कि मुख्य आरोपी ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह खुद को आईएएस अधिकारी दिखाने के लिए अपने दोस्तों को स्टेनो और पीआरओ के तौर पर साथ रखता था ये लोग ऐसा माहौल बनाए रखते थे कि सामने वाला व्यक्ति आसानी से झांसे में आ जाता था कई टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं पुलिस को उनकी लोकेशन कोलकाता और बिहार में मिलने की बात सामने आई है जांच अधिकारियों के अनुसार गौरव के साथ रहने वाले दोस्त ही कभी स्टेनो बनते थे तो कभी पीआरओ सरकारी गाड़ियों जैसी दिखने वाली कार मोबाइल पर लगातार कॉल और रौबदार बातचीत के जरिये लोगों को झांसे में लेता था पुलिस को आशंका है कि यह पूरा नेटवर्क सुनियोजित तरीके से ठगी को अंजाम देता था और अलग-अलग राज्यों में सक्रिय था इसकी ठगी का शिकार हुए मोकामा निवासी ठेकेदार माधव मुकुंद ने पुलिस को बताया है कि हर मुलाकात किसी न किसी होटल में होती थी आरोपी अपने साथ प्रेमिका को भी रखता था और उसे अपनी भांजी बताता था होटल में ठहरने खाने-पीने और अन्य खर्च के भुगतान मुकुंद से कराता था मुकुंद के मुताबिक गौरव हर मुलाकात में किसी न किसी बहाने से रुपये की मांग करता था कभी सरकारी फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर कभी उच्च अधिकारियों को मैनेज करने के नाम पर वह बातों में इस तरह फंसाता था कि इन्कार करना मुश्किल हो जाता था कभी कहा जाता था कि आज नहीं दिए तो काम अटक जाएगा तो कभी यह डर दिखाया जाता था कि ऊपर तक गलत संदेश चला जाएगा जब भी मुकुंद ने काम होने या पैसे वापस मिलने की बात कही तो आरोपी टालमटोल करने लगा जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी होटल में रात प्रेमिका के साथ बिताता था और खर्च दूसरों से वसूल करता था ठेकेदार मुकुंद ने पुलिस को बताया है कि आरोपी सबके सामने उसे भांजा कहकर बुलाता था और कहता था कि सरकारी काम में खर्च तो लगता ही है वह खुद को आईएएस बताता था इसलिए कोई उस पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं करता था मामले की जांच की जा रही है पुलिस की टीमें उसके साथियों और नेटवर्क को खंगाल रही है जल्द ही आरोपी के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा रवि सिंह,सीओ गोरखनाथ फर्जी आईएएस की गिरफ्तारी के बाद अब ठगी के शिकार हुए लोग खुलकर सामने आने लगे हैं बिहार के मोकामा निवासी ठेकेदार माधव मुकुंद ने बताया कि पूरी जिंदगी में गौरव जैसा शातिर जालसाज कभी नहीं देखा करोड़ों रुपये गंवाने के बाद आज खुद को कोसते हैं कि उसके जाल में कैसे फंस गए मुकुंद ने पुलिस को बताया कि बिहार के सीतामढ़ी जिले का ललित किशोर उनसे गौरव कुमार सिंह के नाम से मिला था पहली मुलाकात सितंबर 2024 में बिहार के अररिया जिले के एक होटल में हुई थी गौरव कई महंगी गाड़ियों के काफिले के साथ होटल पहुंचा था उसके साथ 24 बॉडीगार्ड थे जिनके पास हथियार थे जैसे ही वह होटल के कमरे से बाहर निकलता सभी बॉडीगार्ड एक साथ खड़े होकर जय हिंद सर बोलते थे यह नजारा देखकर मुकुंद को यकीन हो गया कि सामने कोई बहुत बड़ा अधिकारी है माधव मुकुंद ने बताया कि होटल के एक हॉल में उनके एक परिचित ने गौरव से मुलाकात कराई नमस्कार करने पर गौरव ने बगल की कुर्सी पर बैठने के लिए कहा बातचीत के दौरान वह लगातार कान में ईयरफोन लगाए फोन पर बात कर रहा था और कह रहा था कि वह मुजफ्फरपुर से छापा मारकर लौट रहा है और वहां के अधिकारियों को राइट टाइम कर दिया है दावा कर रहा था कि अगले दिन यह कार्रवाई अखबारों में दिखेगी यह सब सुनकर उन्हें और भरोसा हो गया कि वह सच में बड़ा अफसर है मुकुंद के मुताबिक रात करीब नौ बजे सजधज कर एक युवती होटल पहुंची सभी की निगाहें उसकी ओर चलीं गईं इस पर गौरव ने कहा कि वह उसकी बहन की बेटी है और यह कहते हुए उसे कमरे में लेकर चला गया पूरी रात वह कमरे से नहीं निकला सुबह उसके साथ मौजूद एक गार्ड ने मजाक में युवती को भाभी कह दिया इस पर मुकुंद को थोड़ा शक हुआ लेकिन बड़ा अधिकारी होने की सोचकर उन्होंने नजरअंदाज कर दिया मुकुंद ने पुलिस को बताया कि गौरव से फोन पर दो-तीन बार बात हुई 15 अप्रैल 2025 को पटना में दोबारा मुलाकात हुई इस मुलाकात में गौरव ने बड़े सरकारी काम दिलाने की बात कही जब मुकुंद ने बताया कि वह सरकारी विभागों के टेंडर लेकर निर्माण कार्य कराता है तो गौरव ने 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का झांसा दिया इसके बाद वह पूरी तरह गौरव के भरोसे हो गए गौरव ने खुद को गोरखपुर के गुलरिहा क्षेत्र का निवासी बताया था मुकुंद कई बार वहां जाकर उससे मिले 450 करोड़ रुपये के ठेके का हवाला देते हुए उसने व्हाट्सएप पर दस्तावेज और अखबार की कटिंग भी भेजी थी इसी भरोसे में तीन से चार महीने के भीतर गौरव ने उनसे पांच करोड़ रुपये से अधिक खर्च करा लिए और लक्जरी गाड़ियां भी दिलवाईं।
