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दीपक गुप्ता हत्या के बाद गांव में पहुंचे थे तस्कर जुबैर और वहाब, माहौल देख भाग गए पिपराइच कांड में बड़ा खुलासा

स्वतंत्र पत्रकार विजन
इक़बाल अहमद

जनपद गोरखपुर के पिपराइच इलाके में छात्र दीपक गुप्ता हत्याकांड की जांच एसटीएफ ने तेज कर दी है जांच में पता चला कि रामपुर के शहर कोतवाली के मोहल्ला घेर मर्दान खां निवासी जुबैर का गोंडा जिले के वांटेड अपराधी वहाब से गहरा रिश्ता है दोनों को पुलिस लंबे समय से अंतरराज्यीय पशु तस्करी नेटवर्क का सरगना मानती रही है एसटीएफ सूत्रों के अनुसार दीपक की हत्या के बाद पकड़े गए तस्कर की जानकारी लेने जुबैर और वहाब मौके पर पहुंचे थे गांव में गुस्से का माहौल देखने के बाद वहां से भाग गए थे एसटीएफ सूत्रों के अनुसार,जुबैर और वहाब सिर्फ गोरखपुर ही नहीं,बल्कि गोंडा,बहराइच,सिद्धार्थनगर,बलरामपुर से लेकर बिहार तक फैले पशु तस्करी के गढ़ में सक्रिय रहे हैं मूलरूप से संतकबीरनगर के रहने वाले वहाब की छह माह पहले गोंडा में पुलिस से मुठभेड़ हुई थी मुठभेड़ में वहाब के चालक के पैर में गोली लगी थी लेकिन वह खुद मौके से भाग निकला था तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही है वहीं जुबैर आठ साल से पशु तस्करी में लिप्त है पिछले साल सितंबर माह में वह पहली बार चर्चा में आया जब उसने बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में पशु तस्करी का विरोध करने पर दो सिपाहियों के सिर पर डंडे से हमला कर लहूलुहान कर दिया था इसके बाद उसपर 50 हजार का इनाम घोषित किया था हालांकि एसटीएफ ने छह माह पहले उसे शहजादनगर थानाक्षेत्र से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था सूत्रों के अनुसार जेल से छूटने के बाद वह दोबारा पशु तस्करी के धंधे में लिप्त हो गया पिपराइच में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या में भी दोनों का नाम एक बार फिर सामने आ गया इसके बाद से एसटीएफ उसकी तलाश में जुट गई है अब दोनों की गिरफ्तार के लिए डीआईजी एस चनप्पा ने एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा है एसटीएफ सूत्रों के अनुसार जांच में यह भी सामने आया है कि वारदात के दिन जुबैर और वहाब सक्रिय रूप से घटनास्थल के इर्द-गिर्द घूमते रहे हत्या के बाद माहौल भांपने के लिए गांव पहुंचना यह दर्शाता है कि वे किसी बड़े तंत्र की सुरक्षा में हैं यही वजह है कि क्षेत्रीय पुलिस की कार्रवाई अब एसटीएफ और अन्य एजेंसियों की निगरानी में लाई गई है सूत्रों के अनुसार जुबैर और वहाब का पशु तस्करी का अंतरराज्यीय नेटवर्क इतना गहरा है कि इसमें नेपाल सीमा तक के संपर्क शामिल हैं यही कारण है कि पुलिस की कई कार्रवाई के बावजूद दोनों हर बार बचते रहे इस बार दीपक हत्याकांड ने पूरे नेटवर्क को कानून की पकड़ में लाने की चुनौती खड़ी कर दी है दीपक के चाचा सुरेंद्र का कहना है कि तस्करों का आतंक इतना गहरा है कि आसपास के लोग खुलकर विरोध नहीं कर पाते दीपक ने हिम्मत दिखाई और लगातार आवाज उठाई लेकिन उसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि जुबैर और वहाब को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए फिलहाल एसटीएफ ने केस की कमान संभाल ली है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई अहम गिरफ्तारियां हो सकती हैं वहीं पुलिस और एसटीएफ जुबैर और वहाब के नेटवर्क की तह तक जाने के लिए दबिश तेज कर चुकी है पुलिस ने पशु तस्करी से जुड़े 12 पिकअप जब्त कर जांच तेज कर दी है जानकारी के अनुसार जब्त सभी पिकअप बिहार के गोपालगंज जिले में रजिस्टर्ड हैं सभी वाहन पिपराइच थाने से संबद्ध किए गए हैं पुलिस अब रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर इन पिकअप के मालिकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है यह कार्रवाई तस्करी के नेटवर्क को पकड़ने और अपराधियों तक सीधे पहुंच बनाने के उद्देश्य से की जा रही है पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वाहन जब्त करना सिर्फ पहला कदम है इसके माध्यम से पूरे तस्करी के गिरोह और उनके सहयोगियों की पहचान की जाएगी जब्त पिकअप की जांच और मालिकों की तलाश से जल्द ही इस तस्करी के बड़े जाल का पर्दाफाश होने की उम्मीद है गोरखपुर की पिपराइच के जंगल धूसड़ महुआचाफी गांव में छात्र दीपक गुप्ता की हत्या मामले में कई और पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है बताया जा रहा है कि एडीजी और आईजी की गोपनीय जांच में पुलिस कर्मी चिह्नित किए गए हैं हत्याकांड में अब तक 50 से अधिक पुलिसकर्मी कार्रवाई हो चुकी है सोमवार देर रात पिपराइच थानेदार को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया मंगलवार को एसएसपी राजकरन नय्यर ने चिलुआताल थानेदार अतुल श्रीवास्तव को पिपराइच का नया प्रभारी नियुक्त किया जबकि तिवारीपुर थानाप्रभारी रहे सूरज सिंह को चिलुआताल थाने का कार्यभार सौंपा गया है एडीजी जोन मुथा अशोक जैन के निर्देश पर 18 सितंबर को कुशीनगर जिले में दो थानेदार चार चौकी प्रभारी और 33 पुलिसकर्मी लाइनहाजिर किए गए थे गोरखपुर में भी पिपराइच के जंगल धूसड़ चौकी प्रभारी ज्योति नारायण तिवारी और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया इसके बाद पिपराइच थाने से जुड़े चार और सिपाही हटाए गए जंगल छत्रधारी चौकी प्रभारी विनय सिंह पर लापरवाही के आरोप लगने पर उन्हें लाइनहाजिर किया गया और विकास सिंह को चौकी प्रभारी बनाया गया इसके अलावा गुलरिहा और पिपराइच थाने में तैनात छह सिपाहियों को भी गोपनीय जांच रिपोर्ट के आधार पर लाइनहाजिर किया गया इनके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वे कर्तव्य के प्रति उदासीन रहते हैं पुलिस सूत्रों के अनुसार कार्रवाई का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं होगा एडीजी जोन मुथा अशोक जैन और डीआईजी रेंज डॉ.एस.चनप्पा की निगरानी में चल रही गोपनीय जांच में कई और नाम भी चिन्हित किए गए हैं जिन पर जल्द कार्रवाई के आसार हैं पूरे मामले ने न सिर्फ पुलिस महकमे की छवि को प्रभावित किया है बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि थानों और चौकियों में कर्तव्य पालन के प्रति गंभीर निगरानी की आवश्यकता है।

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