स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवाददाता रितेश कुमार
वाराणसी –
किसी भी फसल के अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश का अनुपात 4:2:1 का होना चाहिए जबकि वर्तमान समय में यह अनुपात 28:9:1 हो गया है जो यह साबित करता है कि जनपद में किसान भाई बोआई के समय केवल डीएपी का ही प्रयोग कर रहे हैं जिससे उनकी फसल को पोटाश की मात्रा नहीं मिल पा रही है।ऐसे में किसान डीएपी की बजाय एनपीके का प्रयोग करें जिससे फसल को तीनों महत्वपूर्ण तत्व संतुलित मात्रा मे उपलब्ध हो सकें।किसानों को उक्त सलाह मास्टर ट्रेनर देवमणि त्रिपाठी ने सोमवार को चौबेपुर क्षेत्र के राजवाड़ी पंचायत भवन पर आयोजित किसान पाठशाला में दी।उन्होंने कहा कि संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से ही दूसरी हरित क्रांति संभव हो सकेगी।
उप कृषि निदेशक अखिलेश कुमार सिंह के निर्देशन में आयोजित किसान पाठशाला में एफपीओ,कृषि विभाग की योजनाओं, औद्यानिक फसलें,जैव उर्वरकों का प्रयोग,बायो पेस्टीसाइड,बायो फर्टिलाइजर्स के प्रयोग सहित किसानों को आधुनिक खेती की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्राम प्रधान साधोराम यादव ने किसानों से खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाने की अपील की।
इसी क्रम में सहायक तकनीकी प्रबंधक पंकज भास्कर ने श्रीकंठपुर गांव में किसान पाठशाला का संचालन किया।
इस दौरान सुभाष यादव,अखिलेश,पारस यादव,ह्रदय नारायण,अखिलेंद्र सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे।