मौके पर पहुंचे चिकित्सक कर रहे इलाज
स्वयं शाही
स्वतंत्र पत्रकार विज़न
जनपद गोरखपुर गोला थाना क्षेत्र के परसा उर्फ अगलहवा गांव में एक पशु पालक के पच्चीस तो ऊंचगांव के पशु पालक के लगभग एक दर्जन भेड़ों के मरने का मामला सामने आया है।मौत की सूचना मिलते चिकित्सक गांव में पहुंच कर इलाज कर रहे हैं। पशु पालकों ने थाने पर तहरीर देकर जांच की मांग किया है।प्राप्त बिबरण के अनुसार गांव के चंद्रभान पुत्र बोदर गांव में रहकर पशुपालन के तौर पर करीब डेढ़ सौ भेंड़ पाले हुए हैं।उनका आरोप है कि भेडों की देखरेख के लिए संविदा पर तैनात एक पशु चिकित्सक को दिखाया था तो उन्होंने सभी भेंड़ों को पिलाने के लिए तरल दवा दिए थे।जिसे पिलाने के बाद भेंड़ों के बच्चे तड़प तड़प कर मरने लगी।इतनी बड़ी संख्या में भेंड़ों के मरने की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई तथा पशु पालक काफी हताश व परेशान हो गया।सूचना पर पहुंचे पशु विभाग के अधिकारियों ने मृतक भेंड़ों के शव को दफनवा दिया।वहीं क्षेत्र के ही ऊंचागांव में एक बाग में सैकड़ों भेंड़ों के साथ ठहरे बेलघाट क्षेत्र के उरई निवासी राजाराम ने बताया कि कल भेंड़ों के चराते हुए देईडीहा लेकर आया था वहीं अस्पताल दिखाकर दवा लिया और आज सुबह दवा खिलाया तो चौबीस भेंड़ मर गई तथा तेरह भेंड़ों की हालत गंभीर है जिसे डाक्टर आकर दवा दिए है।पशु चिकित्सक डा. बीएन त्रिपाठी ने बताया कि जो पशु जिवित हैं उनका इलाज किया जा रहा है।मृत भेंड़ों के मौत की वजहों की जांच की जा रही है। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ त्रिपाठी का कहना है कि दवा ओवर डोज होने के कारण यह घटना घटी है। मामले में पीड़ितों द्वारा थाने पर तहरीर दे दी गई है।इस संबंध में थानाध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि मामले में चिकित्सक से पत्राचार किया गया है,पीएम रिपोर्ट आते ही उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।