स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवाददाता
वाराणसी। विश्व सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि उक्त अस्पताल में आज से लगभग एक साल पहले अश्वनी पांडे पुत्र हीरा पांडे लालपुर दौलतपुर पांडेयपुर वाराणसी ने भ्रष्टाचार के किसी भी मापदंड को ना देखने वाले पांडे जी लगातार उच्च अधिकारियों का ध्यान वाराणसी पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की ओर आकर्षित किया है किंतु आज तक उन भ्रष्टाचार्यों का कोई हल नहीं निकला नहीं अधिकारियों द्वारा कोई जांच कराया गया वाराणसी का कार्य अधीक्षक डिग्विजय सिंह अपने करतूतों के द्वारा जाना ही जाता है परंतु अब और कुछ और अमिट छाप उसके ऊपर आ चुका है स्नेहा सिंह एक उदाहरण के रूप में पूरे अस्पताल में चर्चा का विषय बनी हुई है फिर भी दिग्विजय सिंह का वरत हस्त रखा हुआ है फिर भ्रष्टाचार को कौन देखेगा जबकि कार्य अधीक्षक ही उसके साथ है ठीक उसी प्रकार सुमित्रा राव भी अस्पताल के भीतर अपनी मनमानी करने से नहीं चूकती है जहां चाहती है वहां अपने ढंग से ड्यूटी लगती है सुना जाता है कि इसके ऊपर भी कार्य अधीक्षक का ही मेहरबानी है उक्त दोनों स्टाफ दिग्विजय सिंह को अपने धन उगाही से प्रश्न किये रहती है दिग्विजय सिंह आंख बंद किए रहते हैं यही कारण है कि दिग्विजय सिंह अपनी आंख बंद किए रहते हैं।