स्वतंत्र पत्रकार
गुड्डू यादव
गाजीपुर।पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने बताया कि अफजाल अंसारी द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान मामले में 353(3)बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में पुलिस ने सोता संज्ञान लिया और चौकी प्रभारी राजकुमार शुक्ला ने तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
तहरीर में कहा गया है कि सोशल मीडिया/विभिन्न समाचार चैनल पर पत्राकार भवन गाजीपुर में सांसद अफजाल अंसारी द्वारा वक्तव्य दिया गया है कि गांजा को कानून का दर्जा देकर वैध कर दो, लेकिन कानून का इतना बड़ा माखौल क्यूँ उड़ाते हो? लाखो करोड़ो लोग खुलेआम गांजा पीते हैं, पूरी महफिल लगाकर गांजा पीते हैं। बड़े बड़े धार्मिक आयोजनो में लोग गांजा पीते हैं। उसे भगवान का प्रसाद और बूटी कहकर पीते हैं। भगवान का प्रसाद और बूटी है तो अवैध क्यों है भाई ? यह दोहरी नीति क्यों? अगर वह भगवान का प्रसाद है और भगवान की बूटी है तो उसे कानून में मान्यता दो। कानून में अवैध और पीने के लिए छूट, भकाभक। हम कह रहे हैं लुका के क्यों पी रहें है? हम कह रहे हैं कि अगर भगवान शंकर की बूटी व प्रसाद है भांग को समाज में जिस तरह तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया जाता है। भांग का लाइसेन्स मिलेगा। गांजा का तो लाइसेन्स नहीं है। यह ऐसी अवैध चीज है। अभी कुम्भ लगने जा रहा है एकाद मालगाड़ी भी अगर चली जाएगी गांजा की तो वह भी खत्म हो जाएगी। बहुत सारे साधू, संत, महात्मा समाज के लोग गांजा को बड़ा शौक से पीते हैं और कहते हैं कि पीने से भूख भी लगती है। स्वास्थ्य के लिए भी पीते हैं।
शिकायतकर्ता ने तहरीर में लिखा है कि सांसद के इस वक्तव्य के वायरल वीडियो के कारण साधू समाज द्वारा सोशल मीडिया पर अपना रोष प्रकट किया जा रहा है। सांसद का यह वक्तव्य धारा 353(3) बी०एन०एस० के तहत दण्डनीय अपराध है।