स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि अगर शराब और भांग को कानूनी दर्जा प्राप्त है तो गांजे को भी अवैध से वैध किया जाए. अपने बाबा मुख्यमंत्री से कहिए कि नई शराब की दुकानों को बंद कराएं. हम कहते हैं कि इस गांजा को कानून का दर्जा देकर वैध कर दो. गांजा अवैध है लेकिन लोग खुलेआम गांजा पीते हैं. बड़े-बड़े धार्मिक कार्यक्रमों में लोग गांजा पीते हैं. लोग भांग-गांजा को भगवान का प्रसाद कह कर पी रहे हैं. गांजा भगवान का प्रसाद है तो अवैध और गैरकानूनी क्यों है.कुंभ में एक मालगाड़ी गांजा चला जाये तो खप जाएगा. साधु-सन्त, महात्मा और समाज के बहुत लोग गांजा बड़े शौक से पीते हैं. मेरी मांग है कि इसको कानून का दर्जा दे दीजिये. साधु-संतों ने की अंसारी के बयान की निंदा साधु-संतों ने अंसारी के बयान को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया और कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि भगवान और साधु-संतों को लेकर की गई इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं अफजाल के बयान को लेकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ”ये लोग क्या कह दें, पता नहीं वो कहां रहते हैं. हम तो गांजा नहीं पीते हैं. हम अपनी कह सकते हैं. सब एक से नहीं होते हैं और अंसारी नाम के कुछ लोग तो आतंकवादी हो सकते हैं पर सारे नही हैं. इसलिए एक धारणा बनाना ठीक नहीं होता.”अंसारी के इस बयान पर उज्जैन के आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंसारी ने साधु-संतों का अपमान किया है. अंसारी को अपनी ’72 हूरों’ की याद आ रही है. अंसारी को अतीक और अशरफ की याद आ रही है. शायद ये 72 हूर जल्दी देखना चाहते हैं. उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है जिस पार्टी ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं थी यह उन्हीं के सांसद हैं. वह (अफजाल अंसारी) तीन तलाक और हलाला जैसे मुद्दों पर कानून बनवाने पर ध्यान दें, न कि हिंदू धर्म के मामलों पर टिप्पणी करें.