ताज पहन कर खिले चेहरे
स्वतंत्र पत्रकार विजन
पी एन पाण्डेय
हैदराबाद
धराधाम इंटरनेशनल एवं देवनागरी उत्थान फाउंडेशन के तत्वावधान में हैदराबाद में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया ।जिसमें दो श्रेणियों में चयन किया गया। एक श्रेणी में 19 और दूसरी श्रेणी में 23 अध्यापकों और अध्यापिकाओं का चयन उनकी विशिष्ट सेवा और योगदान के लिए किया गया था।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर स्किल एंड वोकेशनल स्टडी के डा नारायण यादव ने राष्ट्रीय पुरस्कार – डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के लिए कुल 9 राज्यों से 23 बुद्धिजीवी शिक्षकों का चयन किया । वहीं पर ताजपोशी अर्थात क्राउनिंग के लिए यूके के फाउंडेशन से 19 शिक्षिकाओं का चयन किया गया जिनके शिक्षण और समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के दिए उन्हे ताज से सम्मानित किया गया । निश्चय ही यह ताजपोसी शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है ।
देवनागरी उत्थान फाउंडेशन के प्रमुख डॉक्टर सुनील दुबे का मानना हैं कि जिन शिक्षकों ने अपना संपूर्ण जीवन छात्रों के विकास और समाज निर्माण के लिए दिया है उनको सम्मानित करना अत्यंत गौरव की बात है । एक शिक्षक ही आदर्श समाज का निर्माता होता है ऐसे शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने पर निश्चय ही आदर्श समाज के निर्माण में एक क्रांतिकारी कदम है।
सम्मान समारोह में अनिल दुबे ,डॉ. सुनील दुबे, प्रमोद कुमार आर्य, डॉ अमित यादव, समीर पांडेय साथ ही जिन शिक्षिकाओं को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रीय सम्मान व धराधाम गीता फाऊंडेशन ऑफ़ यूनाइटेड किंगडम के द्वारा ताज प्राप्त हुआ है उन में डॉ .दीपशिखा पाठक, डॉक्टर वाई कस्तूरी बाई ,गंगा पचौरी, डॉक्टर जय श्री माने ,कविता माने, उज्ज्वला मुलजकर, नीरजा मुंडा , डॉक्टर प्रमिला पाठक, रीना आनंद श्रीवास्तव ,डॉ राज कुंवर संजय जगताप, रीना सिंह ,डॉक्टर शीतल वर्मा, डॉक्टर माधुरी के मिश्रा, डॉ आराधना वर्मा ,डॉ प्रतिमा सिंह ,ऐश्वर्या संजय जगताप ,रेखा तिवारी, डॉक्टर जयप्रदा और नीला कौल जी प्रमुख हैं। खुशी दुबे इ.एस.आई. मेडिकल कॉलेज की छात्रा को भी उनकी लगन और सेवा को देखते हुए यह सम्मान दिया गया ।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ पूजा निगम थी जो कि मिस एशिया रह चुके हैं तनिष्क ब्रांड के ब्रांड एंबेसडर है और मदर टेरेसा फाउंडेशन जैसे महान कई संस्थाओं के कंट्री हेड के रूप में कार्य कर रही है।उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चाँद लगाया।
इस अवसर पर धरा धाम इंटरनेशनल प्रमुख सौहार्द शिरोमणि संत डा सौरभ ने अपना समूर्ण सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाया।