श्रीमद भागवत कथा का सप्तम दिवस पर हुआ समापन
स्वतंत्र पत्रकार विजन
स्वयं शाही
गोरखपुर
जय गणेश मित्र मंडल द्वारा गणपति महोत्सव के उपलक्ष्य में भस्मा में अयोजित सप्तम दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के समापन दिवस पर आठ वर्षीय बाल कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया ने श्रीमद भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का अत्यंत भावपूर्ण और उत्साहपूर्ण वर्णन किया। साध्वी श्वेतिमा ने रुक्मिणी के भगवान श्रीकृष्ण के प्रति समर्पण, प्रेम और भक्ति का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को मन, वचन और कर्म से अपनाया। रुक्मिणी विवाह का यह प्रसंग प्रेम, समर्पण और सच्ची भक्ति का प्रतीक है, जो यह सिखाता है कि जब भक्ति सच्ची होती है, तो भगवान स्वयं अपने भक्त के जीवन में आते हैं।
इसके बाद, साध्वी जी ने कृष्ण और सुदामा के मिलन का भावुक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल सखा सुदामा का प्रेमपूर्वक स्वागत किया, उनके तिनके चावल के बदले सुदामा को असीम संपत्ति और समृद्धि प्रदान की। इस प्रसंग के माध्यम से साध्वी जी ने श्रोताओं को यह संदेश दिया कि भगवान अपने सच्चे भक्तों का प्रेम और समर्पण कभी नहीं भूलते, चाहे भक्त कितना भी कठिन जीवन व्यतीत कर रहा हो।
कथा में साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया के वचनों ने भक्ति, प्रेम और समर्पण की महिमा को गहराई से दर्शाया।
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य मनोज शुक्ला,ग्राम प्रधान संघ कौड़ीराम के अध्यक्ष राम प्रसाद यादव,दीपक जायसवाल ,राजकुमार , रामदरश चौरसिया (ग्राम प्रधान गण) डा सौरभ पाण्डेय,बृजेश मणि त्रिपाठी,जितेंद्र कुमार सिंह,गौतम पाण्डेय, डा विनय श्रीवास्तव,विजय मोदनवाल,बिपिन पाण्डेय,अविनाश शुक्ला,रत्नाकर तिवारी,कृपा शंकर राय, अभिषेक राय गांधी,धर्मेंद्र कुमार,शुभम दुबे,विशाल दुबे, दीपक पाण्डेय,लक्ष्मी चंद शुक्ला,श्रीचंद शुक्ला,गुरु,नवनीत पाण्डेय, डा रागिनी पाण्डेय,दुर्गेश पाण्डेय,सुभाष पाण्डेय आदि गणमान्य उपस्थित थे।