माधव प्रिया के भजनों पर झूमते रहे श्रद्धालु गण
स्वतंत्र पत्रकार विजन
गिरीश नारायन शर्मा
गोरखपुर
भागवत कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।केवल श्री हरि की विशेष कृपा से भागवत कथा रस का अमृत पान संभव है।
उक्त बातें जय गणेश मित्र मंडल द्वारा ग्राम भस्मा डवरपार में अयोजित गणपति महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस पर आठ वर्षीय कथा वाचिक साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया ने कही।
कथा वाचन के दौरान कथा वाचिका साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया के भजनों पर श्रद्धालु गण झूमते रहे। माधव प्रिया ने बताया कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। माधव प्रिया में कहा कि भागवत पुराण भगवान की शब्दमयी मूर्ति है।यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। माधव प्रिया ने कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है। माधव प्रिया ने गोकरन उपाख्यान की कथा सुनाई ।
विदित हो वर्षीय श्वेतीमा माधव प्रिया सौहार्द शिरोमणि संत डा सौरभ एवम डा रागिनी की सुपुत्री है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से डा सौरभ पाण्डेय,बृजेश मणि त्रिपाठी, डा विनय श्रीवास्तव,गौतम पाण्डेय,रत्नाकर त्रिपाठी,कृपा शंकर राय, साहब यादव,प्रमोद कुमार गुप्ता,सतीश यादव,दीपक पाण्डेय, डा रागिनी पाण्डेय,सुभाष पाण्डेय,कौशल किशोर नादान,राकेश मद्धेशिया ,सोनू पाण्डेय,लक्ष्मी शंकर,विशाल दुबे,बाल भक्त सौराष्ट्र,रवि दुबे गुलाब पाण्डेय,गोविंद पाण्डेय,पंकज,दीपू, छोटू आदि श्रद्धालुओ ने भागवत कथा रस का पान किया।