दुर्गेश मूर्तिकार
सिद्धार्थनगर जनपद बांसी के मिठवल ब्लॉक में जिम्मेदारो की मिलीभगत से मनरेगा योजना में फर्जी मस्टररोल का खेल जारी है।इन दिनों कथित ग्राम पंचायत के ज़िम्मेदारों की खाऊ कमाऊ नीति के कारण पूरी तरीके से मनरेगा योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। जहाँ एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार तमाम कायदे कानून बना रखी है जिससे मनरेगा मजदूरों को गांव में ही काम मिल सके परन्तु ग्राम पंचायत के जिम्मेदार इस योजना में तमाम तरह के हथकंडे अपना कर शासनादेश की धज्जियां उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं।
मामला विकास खण्ड मिठवल के ग्राम पंचायत लौकिया,बनगवा द्वितीय पुरैना व तिगोड़वा का है। जहां पर मनरेगा कार्यों में चल रहे मस्टररोल में अधिक मजदूरो की जगह बहुत ही कम मजदूर कार्य करते दिखाई दिए। ग्रामीणों की माने तो गाँव में कराये जा रहे कार्यो पर कुछ मनरेगा मजदूर ही कार्य करते बाकी मजदूर कागजों में सिर्फ सिमट कर रह जाते हैं। सूत्रों के अनुसार सैकड़ों की संख्या में प्रधान द्वारा अपने स्वार्थ के लिए मनरेगा योजना के लिस्ट में अपने चहेतों का नाम पहले से ही डलवा दिया गया है और उनके नाम पर भुगतान भी होता रहा है। तमाम ग्रामीणों का कहना है कि अगर जिले के सम्बन्धित उच्चाधिकारी मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण करे तो सच्चाई अपने आप सामने आ जायेगी।