Home » विश्व एड दिवस पर निकाली गई जागरूकता रैली
Responsive Ad Your Ad Alt Text

विश्व एड दिवस पर निकाली गई जागरूकता रैली

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाज़ीपुर। ‘ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस – एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम’ यानि एचआईवी/एड्स के प्रति जन जागरूकता के लिए शुक्रवार को विश्व एड्स दिवस मनाया गया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल ने गोरा बाजार स्थित जिला चिकित्सालय से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली जिला अस्पताल से पीजी कॉलेज चौराहा से होते हुए विकास भवन, रिवर बैंक कॉलोनी से होकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर आकर समाप्त हुई। इसके बाद सीएमओ ने हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जन जागरूकता गोष्ठी भी का आयोजन किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जन जागरूकता के उद्देश्य से हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘लेट कम्यूनिटीज़ लीड’ निर्धारित की गई है। यह थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि एड्स से प्रभावित लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने में सक्षम बनें। बीमारी को रोकने के लिए समाज की अहम भूमिका के बारे में जागरूक करने के लिए इस थीम को चुना गया है।
सीएमओ ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से एड्स की बीमारी नहीं होती है। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के छूने, साथ बैठने और खाने से भी यह बीमारी नहीं फैलती है। संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने से यह बीमारी फैलती है।इससे बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाज में एड्स से बचने के लिए जागरूकता अत्यन्त जरूरी है। एचआईवी/एड्स रोगी से समानता का व्यवहार किया जाए और कोई दुर्व्यवहार न हो।
जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि एचआईवी-एड्स लाइलाज बीमारी है। इसकी रोकथाम के लिए बचाव व जागरूकता ही एकमात्र उपाय है। इसके लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है। एड्स के प्रति सामाजिक मिथकों को दूर करना, आहार, पोषण, स्वच्छता और स्वस्थ जीवन शैली के लिए युवाओं को प्रेरित होने की ज़रूरत है। एचआईवी-एड्स के मरीजों से सार्वजनिक स्थलों जैसे दफ्तर, स्कूल आदि जगहों पर भेदभाव न किया जाए। यह छूने या बात करने से नहीं फैलता है। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय सहित सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है।इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, सुनील वर्मा, संजय यादव, फिरोज बाबू, अंजू सिंह, श्वेता, स्वर्ण लता, संगीता, अजय क्षयरोग विभाग, एआरटी सेन्टर, आईसीटीसी सेन्टर, एसटीआई सेन्टर, पीपीसीटीसी सेन्टर, टीआई सेन्टर के सम्बन्ध अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
इन्सेट —
एचआईवी/एड्स के कारण – संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले द्रव या पदार्थ के संपर्क में आने से कोई भी स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसके अलावा रक्त संचरण, असुरक्षित यौन संबंध, असुरक्षित इंजेक्शन साझा करना, संक्रमित गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान द्वारा बच्चे को हो सकता है। इसलिए समय पर जांच करवाना बेहद जरूरी है।
लक्षण – बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते होना, रात को पसीना आना, थकान होना, जोड़ों में दर्द और ग्रंथियों में सूजन, पेट में समस्या बने रहना, वजन कम होना और भूख न लगना आदि।
बचाव – किसी दूसरे की इस्तेमाल की हुई सिरिंज या इंजेक्शन का इस्तेमाल न करें। इसका इस्तेमाल करने के बाद नष्ट कर दें। यौन संबंध बनाते समय कंडोम का प्रयोग करें और सही से निपटान करें। यदि कोई गर्भवती महिला संक्रमित है तो बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए उसका इलाज कराएं, जिससे बच्चे को एचआईवी/एड्स से बचाया जाए।

Responsive Ad Your Ad Alt Text

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Responsive Ad Your Ad Alt Text