रिपोर्ट
शशिकान्त जायसवाल स्वतंत्र पत्रकार विजन
गाजीपुर मकान मालिक ही किरायेदारों को अवैध रूप से बिजली बेच रहे हैं घरेलू कनेक्शन पर 6:50 रुपए प्रति यूनिट बिजली दर निर्धारित है लेकिन मकान मालिक सब मीटर लगाकर सात से आठ रुपए प्रति यूनिट की वसूली कर रहे हैं। यानी विद्युत नियामक आयोग की घरेलू दरो के मुकाबले 50 पैसे से लेकर 1:10 रुपए तक पैसे प्रति यूनिट का मुनाफा ले रहे हैं यही नहीं थोक के भाव खरीद कर जो सब मीटर किराए के कमरों में लगाए गए हैं वह अवैध हैं लेकिन विभाग इस बाबत कार्रवाई करने में लाचार है बिजली बेचने का अधिकार सिर्फ विद्युत निगम को होता है विद्युत नियामक आयोग ने जो विद्युत दरे निर्धारित की है उसी के आधार पर उपभोक्ता से बिजली बिल वसूला जाता है मकान मालिक खुद इन्हीं दरों के आधार पर अपना बिल चुकता करते हैं लेकिन किरायेदारों के रेट में 50 पैसा से 1.10 रुपए और जोड़ा जा रहा है किरायेदारों का मासिक खर्च आंकने के लिए जिस सब मीटर का सहारा लिया गया है उसकी रीडिंग भी भवन स्वामी खुद ही करते हैं विद्युत निगम के कर्मचारी सिर्फ मकान के मुख्य मीटर की रीडिंग को देख बिल निकालकर दे देता है क्योंकि मेन मीटर बिजली विभाग की संपत्ति है। इतना ही नहीं सब मीटर की गति बढ़ाना कोई मुश्किल काम नहीं । इसकी रीडिंग बिजली विभाग के स्तर पर न होने की वजह से ही इसे अवैध माना गया है। बगैर लाइसेंस के बिजली बेचने वाले मकान मालिकों पर विभाग की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।