संतोष कुमार वर्मा
स्वतंत्र पत्रकार विजन
जनपद गोरखपुर गोरखपुर रामगढ़ताल थाना पुलिस एक नाबालिग को बालिग मानने को तैयार नहीं है। पहले बालिग बता लूट के मुकदमे में जेल भेजा, अब गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया। भेद खुला तो हड़कंप मच गया।आरोपित के परिवार ने नाबालिग होने के साक्ष्य के साथ ही जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की है। जिलाधिकारी ने आरोपित के दावों की जांच के लिए समिति गठित की है। इस क्रम में सोमवार को एएसपी और एडीएम सिटी ने प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। शाहपुर थाना पुलिस ने एक वर्ष पहले हादसे में मर चुके बदमाश पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। इसकी जांच एसपी सिटी कर रहे हैं।रामगढ़ताल थाना प्रभारी संजय सिंह ने नाबालिग समेत दो के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया। तहरीर में लिखा था कि दोनों आरोपित शातिर बदमाश हैं। सुबह टहलने निकली महिलाओं की चेन व मोबाइल फोन झपट्टा मारकर छीन लेते हैं। इनके विरुद्ध पूर्व में भी लूट के कई मुकदमे दर्ज हैं।
आमजन में इनका काफी भय है।मुकदमा दर्ज होने के अगले ही दिन रामगढ़ताल थाना पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में दोनों को जेल भेज दिया। थाने पहुंचे परिवार के लोगों की दलील थी कि एक आरोपित नाबालिग है। उसके विरुद्ध गलत तरीके से गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है, लेकिन बात अनसुनी कर दी गई।
पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज आरोपित के परिवार वालों ने फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाया साथ ही इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की है। न्यायालय में अर्जी देकर बताया गया है कि वर्ष 2022 में लूट के मुकदमे में पुलिस ने किशोर को बालिग बताकर जेल भेजा था।दस्तावेज के आधार पर न्यायालय ने उसे नाबालिग घोषित किया था। लूट के इसी मुकदमे को आधार बनाकर थानेदार ने अब गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज कर दिया। न्यायालय ने इस मामले को लेकर पक्षकारों को नोटिस जारी की है।