Home » भारत को सशक्त बनाने हेतु युवाओं को स्वरोजगार व उद्यमिता के विकल्पों पर करना होगा विचार
Responsive Ad Your Ad Alt Text

भारत को सशक्त बनाने हेतु युवाओं को स्वरोजगार व उद्यमिता के विकल्पों पर करना होगा विचार


   रिपोर्ट गुड्डू यादव

स्वतंत्र पत्रकार विजन
गाजीपुर। स्वदेशी जागरण मंच और पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में विश्व उद्यमिता दिवस को लेकर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता पी०जी० कालेज के प्राचार्य प्रोफ० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने किया।
स्वावलंबी भारत अभियान के तहत उद्यमिता विकास को लेकर आयोजित गोष्ठी में
जिला समन्वयक कैलाश नाथ तिवारी, सह संयोजक अजय आनंद और मुख्य वक्ता के तौर पर नरेन्द्र नाथ सिंह सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी स्वदेशी जागरण मंच मौजूद रहे।
अपने वक्तव्य में अजय आनंद ने युवाओं को उद्यमिता के अलग-अलग पहलुओं से परिचय कराया। आनंद ने बताया कि किस तरीके से युवा उद्यमी बनकर खुद और अन्य के लिए रोजगार के बेहतर विकल्प पैदा कर सकते हैं। वही कैलाश नाथ तिवारी ने अपने उद्बोधन में बताया कि बच्चों को सामूहिकता के भाव से प्रेरित रहना चाहिए। सामूहिक रूप से एक दूसरे के मदद कर समाज में रोजगार के बेहतर विकल्प या उद्यमिता की ओर बढ़ाना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नरेन्द्र नाथ सिंह ने बताया कि भारत कृषि प्रधान देश रहा है। एक दौर था कि लोग रोजगार / नौकरी के बजाय कृषि आधारित उद्योग करने में गर्व महसूस करते थे।कालांतर में अब लोग कृषि को घाटे का सौदा मान रहे हैं और नौकरी की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है। श्री सिंह ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाये हुए हैं। इसकी मुख्य वजह भारत के कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था होना है। भारत के युवाओं को देश को सशक्त बनाने के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता के विकल्पों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए न कि उन्हें नौकरी की अंधी दौड़ में शामिल होना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि किस तरीके से भारत विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है। जी-20 उसकी एक बानगी है। तमाम देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अलग-अलग आर्थिक, सामाजिक पहलुओं पर विचार मंथन किया। भारत, स्पेस साइंस और डिफेंस आदि के सेक्टर में स्वावलंबी बन चुका है। जिसे खुद भारत अन्य मुल्कों को तकनीकी मदद उपलब्ध कराने में सक्षम हो गया है। ऐसे में युवाओं को देश को आर्थिक महाशक्ति बनाने में मदद करनी चाहिए और उन्हें उद्यमिता के विकल्पों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। कार्यक्रम में ओमकार नाथ राय ने संचालन किया। इस मौके पर चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर (डॉ०) एस० डी० सिंह परिहार, प्रोफेसर अवधेश कुमार सिंह, प्रोफेसर सत्येंद्र नाथ सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० योगेश कुमार, डॉ० राम दुलारे एवं भारी संख्या में छात्र- छात्राएं मौजूद रहे।

Responsive Ad Your Ad Alt Text

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Responsive Ad Your Ad Alt Text