Home » शिक्षक हितों की अनदेखी पर होगा संघर्ष- चौधरी दिनेश चंद्र –
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शिक्षक हितों की अनदेखी पर होगा संघर्ष- चौधरी दिनेश चंद्र –

रिपोर्ट कमलेश कुमार स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर। पुरानी पेंशन बहाली, सरल और पारदर्शी स्थानांतरण नीति, कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, सीसीएल के नाम पर महिला शिक्षकों का शोषण, प्रबंध तंत्र द्वारा मानसिक उत्पीड़न एवं लंबित आदि प्रकरणों को लेकर शिक्षक आंदोलित है। उनका कहना है कि शिक्षक हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी। शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए जैसे भी संघर्ष करना होगा। यह कहना है माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री चौधरी दिनेश चंद्र राय का। वह जिलाध्यक्ष शिवकुमार सिंह, रत्नेश कुमार राय, डॉ रियाज अहमद, सौरभ कुमार पाण्डेय, राणाप्रताप सिंह, सूर्यप्रकाश राय, कुँवर अविनाश गौतम, राजेश कुमार सिंह, रविन्द्र नाथ तिवारी सहित अन्य शिक्षक साथियों संग जमानियां तहसील में स्थित माध्यमिक विद्यालयों का दौरा कर सदस्यों को जागरूक किया। प्रांतीय मंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली, कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय, निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था, तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण आदि के लिए सरकार के उदासीनता बरतने पर संघर्ष करने का बिगुल फूंका गया है। समान कार्य समान वेतन सेवा, सुरक्षा भत्तों की कटौती आदि पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी शिक्षकों से एकजुट रहते हुए संगठन की मजबूती पर बल दिया। मण्डल मुख्यालय पर नौ अगस्त को आयोजित मशाल जुलूस में अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग करने का निवेदन किया। नौ अगस्त को मण्डल मुख्यालय पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा, फिर भी कार्यवाही न होने पर अगले चरणों के संघर्ष की घोषणा की जाएगी। श्री राय ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षकों को अपने हक के लिए एकजुट होकर सरकार को अपनी ताकत दिखानी होगी। तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण हो रहा है और न ही वेतन का भुगतान हो रहा है। साथ ही पुरानी पेंशन बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। वही नेता, विधायक, सांसद आज भी चार-चार और पांच-पांच पेंशन ले रहे हैं। शिक्षक कर्मचारियों को मिलने वाली एक पेंशन को भी समाप्त कर दिया गया है। भारत में नेताओं कर्मचारियों के लिए अलग- अलग विधान बना है। जिसे शिक्षक कर्मचारी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम इस अन्याय के खिलाफ लगातार संघर्ष करेंगे और पुरानी पेंशन बहाल कराकर ही रहेंगे।

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