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गाजीपुर में है दुग्ध उत्पादन की अपार सम्भावनायें

रिपोर्ट कमलेश कुमार

स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर। पी०जी० कालेज गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबंध संगोष्ठी का आयोजन किया गया यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र/ छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी मे अर्थशास्त्र विषय के शोध छात्र विमलेश कुमार यादव ने अपने शोध प्रबंध की विषय वस्तु “उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन की चुनौतिया एवं संभावनाएं : गाजीपुर जिले के भावरकोल ब्लाक के विशेष संदर्भ में” नामक विषय पर शोध प्रबंध प्रस्तुत किया। शोध छात्र विमलेश कुमार यादव ने बताया कि भारत में दूध उत्पादन एवं उपभोग में विश्व में पहला स्थान है लेकिन दूध उत्पादकता में पीछे है। गाजीपुर जिले के भांवरकोल ब्लॉक में दुग्ध उत्पादन की बहुत चनौतिया है, लेकिन अपार सम्भावनाये है। यह क्षेत्र पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़े होने एवं किसानों की जागरूकता तथा सक्रियता के कारण राजधानी लखनऊ तक आसानी से दुग्ध विपणन कार्य किया जा सकता है। यह इस बात का संकेत देता है कि यदि गाजीपुर जिले में वैज्ञानिक ढंग से दुग्ध उत्पादन की दिशा में कार्य किया जाय तो दूध उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ने की अपार संभावनाये है। शोध छात्र ने प्राथमिक आंकड़ों के विश्लेषण द्वारा यह बताया कि डेयरी उद्योग, लोगों के कल्याण बढ़ाने तथा गरीबी को कम करने में रचनात्मक भूमिका अदा कर सकता है। शोध प्रबंध प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति व अनुसंधान एवं विकास समिति के सदस्यों , प्राध्यापको तथा शोध छात्रों द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोध छात्र विमलेश कुमार यादव ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। उसके तत्पश्चात समिति एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया।
इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी0 सिंह, मुख्य नियंता प्रोफे० (डॉ०) एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक डॉक्टर श्रीकांत पाण्डेय, अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ० रविशेखर सिंह, प्रोफे०(डॉ०) अरुण कुमार यादव,प्रोफे० (डॉ०) सत्येंद्र नाथ सिंह , डॉ० रामदुलारे, डॉ० योगेश कुमार, डॉ० शिवशंकर सिंह यादव, प्रोफे० (डॉ०) रविशंकर सिह, डॉ० हरेंद्र सिंह एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी. सिंह ने सबका आभार व्यक्त किया।

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