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श्वेतिमा माधव प्रिया ने चतुर्थ दिवस की कथा में सुनाया प्रह्लाद चरित्र, वामन अवतार और राम-कृष्ण जन्मोत्सव

भक्ति और आस्था से सराबोर हुआ वातावरण, झांकियों और भजनों ने मोह लिया जन-मन
श्रोताओं ने मनाया रामकृष्ण जन्मोत्सव भक्ति-भाव और उत्साह के साथ

स्वतंत्र पत्रकार विजन
स्वयं शाही

गोरखपुर।
बहार क्लस्टर, सहारा स्टेट, गोरखपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस की कथा में विश्व की सबसे कम आयु की अंतर्राष्ट्रीय बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया ने प्रह्लाद चरित्र, वामन अवतार, श्रीराम जन्मोत्सव एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन कर भक्तों को भक्ति, आस्था और आनंद के सागर में डुबो दिया।

उन्होंने प्रह्लाद चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार बालक प्रह्लाद ने विपरीत परिस्थितियों और अत्याचारी पिता हिरण्यकश्यप के बावजूद भगवान विष्णु में अडिग विश्वास बनाए रखा। उनकी अटूट भक्ति ने यह सिद्ध कर दिया कि जब हृदय में ईश्वर के प्रति सच्चा समर्पण हो तो कोई भी शक्ति भक्त को डिगा नहीं सकती।

इसके पश्चात वामन अवतार का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने भगवान के अद्भुत स्वरूप का वर्णन किया। कैसे भगवान वामन ने तीन पग में सम्पूर्ण लोकों को नापकर असत्य और अहंकार का नाश किया तथा धर्म की पुनः स्थापना की। इस प्रसंग ने श्रोताओं को विनम्रता और सच्चाई का अनुपम संदेश दिया।

कथा का मुख्य आकर्षण रहा श्रीराम जन्मोत्सव एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव। श्वेतिमा माधव प्रिया के मधुर वचनों के साथ जब श्रीराम और श्रीकृष्ण जन्म की दिव्य झांकी प्रस्तुत हुई तो पंडाल तालियों और जयघोषों से गूंज उठा। श्रद्धालु भक्ति गीतों और कीर्तन की लहरियों में झूमते रहे।

गीत-संगीत और झांकियों ने वातावरण को ऐसा दिव्य बना दिया मानो स्वयं अयोध्या और मथुरा उस पावन स्थल पर अवतरित हो गए हों। बालक-बालिकाओं और मातृशक्ति द्वारा सजाई गई झांकियां भक्तिरस का अद्भुत संचार कर रही थीं।

आयोजक एवं यजमान: अनिल श्रीवास्तव एवं विनीता श्रीवास्तव
कथा संयोजिका: डॉ. सरिता सिंह
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे—
सौहार्द शिरोमणि संत डॉ. सौरभ पाण्डेय, आचार्य गौरव पाण्डेय काशी, संजय श्रीवास्तव, सह आचार्य सूरज मिश्रा ,रणविजय सिंह, उदय शंकर ओझा, भानु प्रताप सिंह, राजू सिंह, पुष्पेंद्र शुक्ला, आशुतोष शुक्ला,राजन सिंह सूर्यवंशी,अभिनव जायसवाल, देवेन्द्र प्रताप मिश्र, प्रेम कुमार मिश्र, डा अभिषेक कुमार,जय प्रकाश श्रीवास्तव, बृजेंद्र सिंह, डॉ. राकेश सिंह, डॉ. रागिनी पाण्डेय (देहदानी), डा विनय श्रीवास्तव,लव मिश्रा, सत्य प्रकाश, अर्चना दुबे, राजेश सिंह राजन,तथा बाल भक्त सौराष्ट्र सहित अनेक श्रद्धालु।

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