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जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ गूंजा समूचा श्रीमद भागवत कथा आयोजन परिसर

स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवाददाता

गढ़वा झारखंड

श्री जानकी बाग गढ़वा में चल रही पावन श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया। बाल कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा माधव प्रिया द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन किया गया। इसके साथ ही आयोजन स्थल का पूरा माहौल भी नंदोत्सव के रंग में पूरी तरह से रंग गया।
नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल के उद्घोष के साथ समूचा आयोजन परिसर गूंज उठा।
भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद लिया। श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों के बीच मिठाई और बधाईयां बांटी गयी। कथा प्रसंग में कथा व्यास साध्वी श्वेतिमा ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं। भगवान अपने भक्तों के भाव और प्रेम से बंधे है, उनसे भक्तों की दुविधा कभी देखी ही नहीं जाती. वे अपने भक्तों की कामना की पूर्ति तो करते ही है साथ ही उनके साथ अपने स्नेह बंधन निभाने खुद इस धरा पर आते हैं। वामन अवतार, समुंद्र मंथन, श्री राम जन्मोत्सव और भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का सुंदर और भाव पूर्ण वर्णन किया.
उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों के साथ सदा हर पल खड़े रहते हैं। वे भक्तों के हाथों से दी प्रेम और भाव के साथ दी गई वास्तु उसी तरह ग्रहण करते हैं, जिस तरह से उन्होंने द्रौपदी का पत्र और गजेंद्र का पुष्प ग्रहण किया था। भगवान ने काल रुपी मकर से भक्त गजराज की रक्षा की तो द्रौपदी के पुकार पर उसका संकट मिटाने स्वयं दौड़े चले आये।
यह सारी कथाएं ये प्रमाणित करती हैं कि भक्तों के भाव से सदा बंधे रहनेवाले भगवान भक्तों के साथ अपना स्नेह निभाने खुद आते हैं. ठाकुरजी सिर्फ यह कभी नहीं चाहते कि उसके भक्त के पास अहंकार रहे। ठाकुरजी अपने भक्त से ये भी कहते हैं कि मुझे, वो वस्तु अर्पित कर, जो मैंने तुझे कभी नहीं दी. ठाकुरजी कहते हैं- ऐसी कोई वस्तु जो मैंने तूझे नहीं दी, वह अहंकार है. यह मैंने तूझे नहीं दिया. बल्कि तूने खुद इसे अपने भीतर तैयार किया है।
इस दौरान
साध्वी के साथ उनके पिता धराधाम अंतराष्ट्रीय सेवा संस्थान के सोहार्द शिरोमणि संत डॉक्टर सौरभ पांडेय जी, माता ,समाजसेविका डॉक्टर रागिनी पाण्डेय, आचार्य गौरव पांडेय, तबला वादक मदन मोहन मालवीय, भजन गायक सुमित दुबे, बाल भक्त सौराष्ट्र, पंडित हर्ष, पुरूषोतम चंदेल, श्याम देव बिंद, नागेंद्र बिंद, नीरज श्रीधर, डा.भास्कर, दौलत सोनी समाजसेवी, प्रवीण जायसवाल सांसद प्रतिनिधि,आलोक त्रिपाठी, राजेश सिंह, डा.राजीव भारद्वाज ,मिथिलेश दुबे, सोनू तिवारी, जयंत पाण्डेय उपस्थित थे।

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