स्वतंत्र पत्रकार विजन
मालती टंडन
बिलासपुर 18दिसमबर
इस अवसर पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि हम सभी छत्तीसगढ़ वासियों का सौभाग्य है कि हमने उस धरती पर जन्म लिया है ,जिस धरती में ,माता शबरी , बाल्मीकि , ऋषि श्रृंगिजी, कपिल मुनि वल्लभाचार्य , बाबा गुरु घासीदास जी ,माता कौशल्या ने जन्म लिया है,
बाबा गुरुघासीदास जी ने तत्कालीन सामाजिक कुरूतियों, आर्थिक शोषण, जांत-पांत, छुआ-छूत को दूर करने के लिए ” सतनाम पन्थ ” की स्थापना की और ” मन खे मन खे एक समान ” के सन्देश दिया, उनके अनुयायी पंथी नृत्य और गायन के माध्यम से उनके संदेशो को जन जन तक प्रेषित करते है,
बाबा गुरु घासीदास जी ने सात सिद्धान्त दिए ,जिसमे सतनाम पर विश्वास करना,जीव हत्या नही करना,माँस भक्षण न करना,चोरी-जुआ से दूर रहना,नशा सेवन न करना,जाति-पाती के प्रपंच से दूर रहना,व्यभिचार से बचना ,है ।
संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी ने कहा कि बाबा गुरुघासीदास जी का अवतरण 18 दिसम्बर 1756 को पिता महंगू दास और माता अमरौतिन के घर गिरौधपुरिधाम हुआ,
वे सामाजिक तानाबाना से व्यथित थे, उन्होंने छाता जंगल मे कठोर तपस्या की और उन्हें आत्मज्ञान का बोध हुआ ,उनका परिवारिक इतिहास 1672 में सतनामी -मुगल युद्ध से मिलता है ,जिसमे सत्य के मार्ग पर चलते हुए उनके वंशजो ने बड़ी मुगल सेना को परास्त किया और युद्ध के पश्चात उनके वंशज छत्तीसगढ़ में आये और उसी परिवार में बाबा जी का जन्म हुआ ,
छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके नाम पर कई प्रतिष्ठानो का नामकरण किया ,उनके नाम अनेक पुरुस्कार और सम्मान प्रतिवर्ष दिया जाता है,
जरूरत है उनके बताए मार्ग पर चलना ,उन्हें आत्मसात करने की ।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी, त्रिभुवन कश्यप, विनोद शर्मा, माधव ओत्तालवार,अभय नारायण राय, विनोद साहू, जगदीश कौशिक ,राजेश शर्मा,सीमा घृतेश,शहज़ादी कुरैशी, स्वर्णा शुक्ला,आशा पांडेय,प्रियंका यादव, अन्नपूर्णा ध्रुव, शुभ लक्ष्मी सिंह,परविन खान, वीरेंद्र सारथी, मनोज शर्मा,दीपक रायचेलवार, सुभाष ठाकुर, नवल सोनी,चन्द्रहास केशरवानी,गौरव एरी,राज कुमार बंजारे, राजीव साहू, मोह मुसीद खान,वसीम खान,पुनाराम कश्यप,गणेश रजक,हेरि डेनिएल, महेतराम सिंघौराल,सन्तोष बंजारे,करम गोरख आदि उपस्थित थे।