स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर। शहर में खुले प्राइवेट अस्पताल शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। खुलेआम गैर कानूनी काम को अंजाम देकर प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। इन पर रोकथाम के लिए प्रशासन ने योजना बनाई थी, जबकि वह औंधे मुंह गिरी दिख रही है। संचालक हर काम बेखौफ होकर कर रहे हैं जो शासन की निगाह में गैर कानूनी है। जनता के खून-पसीने की कमाई को हथिया लेने के लिए प्राइवेट नर्सिग होम (अस्पताल) की शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रो में भरमार हैं। स्वास्थ्य विभाग में जिले भर में पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों की संख्या से कई गुना ज्यादा अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। इनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। हाल ही में महकमें ने इन पर सख्ती करने का मन बनाया था जो कारगर साबित नहीं हो सका है। बीते दिनों प्रशासन ने पंजीकृत अस्पतालों में नोटिस भेजकर अभिलेखों का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा था। शहर के एक-एक नर्सिग होम की कार्यवाही को छोड़ दें तो विभाग एक पग भी नहीं चल पाया है।
सरकारी डाक्टरों की छत्रछाया में चल रहे अस्पताल प्राइवेट अस्पतालों से सरकारी अस्पतालों में डाक्टर का जुड़ाव है। यह कहना गलत नहीं है। शासन की मनाही के बाद भी डॉक्टरों का कभी भी आना -जाना देखा जा सकता है। हर तरह की सर्जरी से लेकर फिजीशियन अस्पतालों की सेवाओं में व्यस्त हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों की छत्रछाया ना हो तो
गलत काम करने वाले नहीं बचेंगे
‘गलत काम करने वाले बच नहीं पाएंगे, प्रशासन अपना काम करें तो। गलत काम करने वाले जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे। ब्लड का कारोबार, अल्ट्रा साउंड सेंटरों की औचक पड़ताल की जाय तो। जनता के साथ खिलवाड़ नहीं होता ।