स्वतंत्र पत्रकार विजन
संवादाता रितेश कुमार
वाराणसी- वाराणसी स्थित यूपी कॉलेज में चुनावी रंजिश को लेकर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी से मारपीट करने के मामले में पूर्व महामंत्री समेत 10 छात्र नेताओं को दोषमुक्त कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने अपने बयान में कहा कि छात्र नेता प्रतीक सिंह परमार, पूर्व महामंत्री शिवम सिंह बाबू, पूर्व उपाध्यक्ष सचिन सिंह बिसेन, वीरेंद्र प्रताप रघुवंशी, शानू सिंह, श्रेष्ठ सोनकर, रवि प्रकाश चंदन, विकास राय, अर्जुन सिंह व विवेकानंद सिंह के विरुद्ध लगाये गये सभी आरोप संदेह से परे साबित करने में अभियोजन पूर्ण रूप से विफल रहा। फलस्वरूप छात्रों को संदेह का लाभ प्रदान करते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनीत कुमार सिंह, आकाश कुमार सिंह व पवन सिंह राजपूत ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार यूपी कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी वादी समीर सिंह ने 17 मार्च 2021 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।आरोप था कि 17 मार्च 2021 को वार्षिक चुनाव संपन्न होने के बाद करीब 4 बजे शाम विजयी प्रत्याशी महामंत्री शिवम सिंह को बधाई देने कार्यालय टकटकपुर जा रहा था। उस समय उसके साथ दुष्यंत सिंह और रिशु सिंह थे। अचानक से प्रतीक सिंह परमार, विरेन्द्र प्रताप रघुवंशी, विवेकानंद सिंह, शिवम सिंह बाबू, श्रेष्ठ सोनकर, रवि प्रकाश चंदन, विकास राय बिट्टू, शानू सिंह, सचिन सिंह विशेष, अर्जुन सिंह, विशाल सिंह, राजू सिंह व 10 से 12 लोग लाठी, डंडा, पिस्तौल, बम और रॉड से लैस होकर हम लोगों पर हमला बोल दिए और बुरी तरह से मारपीट कर असलहे से फायर किए।