स्वतंत्र पत्रकार विजन रिपोर्ट कमलेश कुमार
गाजीपुर स्थानीय मुख्यालय से मुश्किल से लगभग 1 किलो मीटर दूरी पर स्थिति जिला पूर्ति कार्यालय है जिसके द्वारा प्रधानमंत्री के निशुल्क खाद्यान्न वितरण पूरे देश के 80 करोड़ लोगों को उपलब्ध कराया जाता है किंतु अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि मुक्त भोगी राजेंद्र प्रसाद पुत्र स्वर्गीय जमुना प्रसाद मोहल्ला मियापुरा सुभाष नगर कोटेदार पहलाद केसरी दुकान नंबर 15 है पिछले नवंबर 2023 से ही राशन कार्ड हॉल है राजेंद्र प्रसाद की अभी तक एक छटा गल्ला नहीं मिला कारण की ईपास मशीन पर अंगूठा निशानी नहीं आया कोटेदार से पूछने पर पता चला कि यह बात जिला पूर्ति के मुकेश बाबू बताएंगे संबंध स्थापित करने पर मुकेश बाबू ने बताया कि अपने आधार कार्ड को अपडेट करा लीजिए अपडेट हो जाने के बावजूद भी मुकेश बाबू जो जिला पूर्ति कार्यालय का बाबू है इधर-उधर की बात कर के भटकाता है स्मरण रहे की प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश को पिछले सरकारों के हालात बिगड़े हालातो को सुधारने के लिए प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने को संकल्प लिया है फिर भी जिला पूर्ति कार्यालय में अनन्त प्रताप सिंह अधिकारी के रूप में इस समय मौजूद है उनसे मिलकर कहने पर भी यह साधारण सा कार्य राजेंद्र प्रसाद स्वर्गीय जमुना प्रसाद मियांपुरा सुभाष नगर की अबावत कोटेदार पहलाद के दुकान नंबर 15 से गल्ला नहीं मिला इस खाद्यान्न वितरण के खेल में मुकेश बाबू जिला पूर्तिक अधिकारी भी को इमाकत नहीं दिखा सके जबकि आधार कार्ड देखने से ही पता चल जाएगा कि राजेंद्र प्रसाद की उम्र 75 वर्ष के लगभग है शारीरिक रूप से कमजोर भी है जो अंगूठे का निशान ई पास मशीन पर हल्का-फुल्का ही आएगा परंतु जिला पूर्ति कार्यालय से या नहीं बताया गया कि हमें केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह आदेश नहीं है कि बुजुर्ग का निशानी नहीं लगता है जो उसे गल्ला नहीं दिया जाएगा असमरण रहे कि राजेंद्र प्रसाद के पिताजी सन 1972 में चीन से युद्ध के समय लड़ाई में अपने कंपनी के साथ थे तथा सन 1965 में पाकिस्तान के विरुद्ध में भी युद्ध लड़े हैं फिर भी उनके बुजुर्ग बेटा राजेंद्र प्रसाद को खाद्यान्न वितरण का साल भर से अनाज नहीं मिल रहा है इसी को जिला पूर्ति कार्य अच्छे तरीके से जानता है और मुख्यमंत्री के उत्तम प्रदेश बनाने में अन्तर प्रताप सिंह जिला पूर्ति अधिकारी प्रधानमंत्री के खाद्यान्न योजना को पालीता लगा रहे हैं।