माता के स्थान पर भक्तो की भीड़ बराबर लगी रहती है
स्वयं शाही
स्वतंत्र पत्रकार विजन
जनपद गोरखपुर गोला तहसील मुख्यालय से पश्चिम गोला कौड़ीराम सड़क मार्ग पर नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 10 मे स्थित नहर पुलिया से पूरब मे माता जाखिनी अपने दरबार मे आए हुए भक्तों की सारी मुरादे पूरा करती है।माता के स्थान पर भक्तो की भीड़ बराबर लगी रहती है।अगल बगल के गांव व कस्बे के लोगो द्वारा बराबर कथा कड़ाही पूजा अर्चना का कार्य होते रहता है। माता के स्थान पर सच्चे हृदय से आये वाले भक्तों की मन्नते पूरा हो जाती है ।बताते चले कि ग्राम सभा रानीपुर और अतरौरा के सिवान पर माता जाखिनी का सुप्रसिद्ध स्थान है ।सूत्रों का कहना है कई वर्ष पहले थारू जाति के लोग आकर सरयू नदी के तट पर निवास करते थे तथा अगल बगल घना जंगल था। सरयू तट से एक किमी दूर उत्तर रानीपुर अतरौरा गांव है जहाँ पर थारू जाति के लोग भी आते थे। उसी समय हाथी घोड़े की शक्ल की मिट्टी की मूर्ति मिली जो माता के रूप दिखाई दी उसी समय से पूजा अर्चना आरम्भ हो गया तथा जो जाखिनी माता के नाम से प्रसिद्ध हो गयी। अगल बगल के गांव के लोगो की आस्था जुड़ी और जो भी लोग उस स्थान पर पहुचते थे जबकि मुरादे पूरा होने लगी ।धीरे धीरे थारू जाति के लोगो का आना जाना बंद हो गया। लेकिन माता की ख्याति दूर दराज तक फैल गयी ।धीरे धीरे यह स्थान रमणीक बन गया ।रानीपुर अतरौरा के नवयुवको ने क्षेत्र के समजसेवियो द्वारा दिए गए सहयोग से माता जाखिनी के स्थान को पक्का बनवा दिया साथ ही बगल में विशाल हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर भब्य मंदिर का निर्माण करा दिया ।इस मंदिर निर्माण में गोला उपनगर के दान दाताओं का भी भारी श्रेय रहा ।आज यह विशाल मंदिर सड़क पर चलने वालो एक दृष्टि डालने को मजबूर कर देता है । मन्दिर पर रोज ही सुबह शाम पुजा अर्चना होती रहती है । माता के स्थान पर जोभी भक्त सच्चे हृदय से आया माता सबकी मुरादे पूरा कर देती है।