स्वतंत्र पत्रकार विजन
शशिकान्त जायसवाल
गाजीपुर। मनिहारी युसूफपुर श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट द्वारा रामलीला के मंचन मे पिता की आज्ञा पर श्री राम वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। राम-केवट संवाद का दृश्य देखकर दर्शक आनंदित हो गए। श्री पवहारी बाबा रामलीला ट्रस्ट के अध्यक्ष पंचम सिंह ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श समाज में आज भी कायम है। भगवान प्रेम भाव देने वाले का हमेशा कल्याण करते हैं। कहा कि भरत ने भगवान राम के वनवास जाने के बाद खड़ाऊं को सिर पर रखकर राजभोग की बजाय तपस्या की। कहा कि जीवन में भक्ति और उपासना का अलग महत्व है। निष्काम भाव से भक्ति करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रामचरित मानस का बहुत ही सुन्दर प्रसंग “केवट राम संवाद” का बहुत ही सुन्दर मंचन हुआ जिसमें केवट के अभिनय मनोहर सिंह, अनिल दुबे, कमालचन्द भट्ट, ओमप्रकाश गुप्ता, बिनोद सिंह, जसवन्त सिंह व राम के अभिनय राजेश्वर सिंह, लक्ष्मण निखील सिंह व सीता शिवम् प्रजापति ने किया। डायरेक्टर उदयभान सिंह, अध्यक्ष पंचम सिंह, व मीडिया प्रभारी राजेश जायसवाल ने सभी पात्रों दर्शकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।