कमलाकर मिश्र की रिर्पोट-
देवरिया-राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आरटीआई प्रकरणों की सुनवाई की। उन्होंने समस्त जन सूचना अधिकारियों को जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की मूल भावना के तहत आरटीआई आवेदनों का निस्तारण करने का निर्देश देते हुए कहा कि ससमय सूचना देने से पारदर्शिता एवं जवाबदेही में वृद्धि के साथ ही भ्रष्टाचार में भी कमी आती है, जिसका लाभ अंततः सुशासन के रूप में नागरिकों को मिलता है।
सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 में निहित प्राविधानों के अनुसार 30 दिन के भीतर सूचना देना अनिवार्य है। इसे लक्ष्मण रेखा माने। इस अवधि में सूचना न देने पर दंड के भागी होंगे। उन्होंने कहा कि समस्त कार्यालयों में जनसूचना अधिकारी नामित होने चाहिए। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि जन सूचना अधिकार के तहत दिए जाने वाले आवेदन सही कार्यालय में नहीं पहुंचते है, जिससे सूचना मिलने में समस्या आती है। ऐसे आवेदनों का अंतरण 5 दिन की अवधि में संबंधित विभाग को कर देना चाहिए। सूचना देते समय व्यापक लोकहित का ध्यान रखा जाए। राज्य सूचना आयुक्त ने आज 51 प्रकरणों की सुनवाई की जिसमें से 21 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। अवशेष प्रकरणों को गुणदोष के आधार पर निस्तारित करने के लिए सुरक्षित रखा गया है।
राज्य सूचना आयुक्त ने बताया कि वे माह में कम से कम 10 दिन जनपदों में सुनवाई करेंगे। आज देवरिया से इसका प्रारंभ हुआ है। बृहस्पतिवार को गोरखपुर में एवं शुक्रवार को महराजगंज जनपद में आरटीआई प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। 18 से 20 जनवरी तक बहराइच जनपद में सुनवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जनपदों में सुनवाई करने स आरटीआई प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में तेजी आएगी।इस अवसर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह, एसडीएम सौरभ सिंह, एएसडीएम आरपी वर्मा, जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, डीआईओएस विनोद राय, बीएसए हरिश्चंद्र नाथ, एआरटीओ आशुतोष शुक्ला, बीडीओ बनकटा निरंकार मिश्रा सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।