स्वतंत्र पत्रकार विजन रिपोर्ट कमलेश कुमार
गाजीपुर। जिले में हुई अल्प वर्षा से जहां किसान अपनी फसलों की सिंचाई निजी माध्यमों से करते हुए किसी तरह धान की फसल को बचाने में लगे हैं, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश व पहाड़ों पर हो रही तीव्र बरसात से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ाव पर है।वर्तमान समय में उफनती गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गयी हैं और जलस्तर लगातार बढ़ने से गंगा के किनारे व तटवर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों में अपना आशियाना डूबने की फिक्र लगी हुई है तो वहीं गंगा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के किसान अपनी खेती को डूबकर बर्बाद होते देखकर परेशान हैं। वहीं गोभी, मिर्चा सहित अन्य सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के खेत पानी में डूब गये हैं और सारी सब्जियां गलकर नष्ट हो रही हैं। वहीं गंगा के कटान से खेत भी गंगा में समाहित होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.पिछले सप्ताह 12 सितम्बर की शाम सात बजे जलस्तर 58.690 मीटर रहा और तबसे बढ़ाव लगातार जारी है। सोलह सितम्बर को सुबह पांच बजे गंगा का जलस्तर 63.350 मीटर तथा सात बजे जलस्तर 63.410 मीटर मापा गया।
बताते चलें कि जिले में गंगा नदी के बाढ़ की स्थिति का मापदंड निर्धारित है। जिले में सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर, चेतावनी बिंदु (निम्न स्तर) 61.550 मीटर, खतरा बिंदु (मध्य स्तर) 63.105 मीटर तथा बाढ़ का उच्च स्तर 65.220 मीटर निर्धारित है.
उल्लेखनीय है कि जिले में वर्ष 2019 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर, वर्ष 2021 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.680 मीटर तथा वर्ष 2022 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.390 मीटर रहा था।