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आज भी अपने अधिकारों क्यों वंचित है , आदिवासी समाज,समाज सेवी राजकुमार मौर्य

रिपोर्ट रमेश पटेल
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाज़ीपुर,जलालाबाद, आज भी बास फोर बस्ती में महिलाएं शिक्षा से वंचित और अपने अधिकारों के बारे में नहीं जान पाती है। यही कारण है, महिलाओं को उनका अधिकार नहीं मिल पाता है, समाज सेवी राजकुमार मौर्य ने बताया कि सरकार उन महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा ध्यान दे रही है। जिससे उनका विकास हो सके, हस्तशिल्प कला को लेकर भी सरकार काफी काम कर रही है। भारत सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन उन योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाता जिनको उसकी सकता है।
ऐसे में भारत को अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण में मजबूत कर पाना काफी कठिन नजर आता है। आज भी एक बस्ती में दर्जनों ऐसी महिलाएं है। जिनके पास कुछ खास प्रकार का हुनर है, लेकिन उनके कला का मार्केट में जो उसमें उनको उचित दाम नहीं मिल पाता है और वह गरीबी में जीने को मजबूर है एक महिला ने बताया कि जो बांस की दौरी बनाती है , एक टोकरी को बनाने में 2 दिन लग जाते हैं लेकिन उसका प्राइज 150रूपए से 200 ही रह जाता है, यही कारण है कि उनकी मेहनत का उचित दामआज भी नहीं मिल पा रहा है सौहार्द बंधुत्व मंच को संचालित करने वाले हिमांशु मौर्य ने बताया कि इस बस्ती की महिलाएं आज भी छुआछूत की शिकार ऐसे अपने पुरानी पीढ़ी से अभी तक बाहर नहीं निकल पा रही है यही कारण है अभी तक अपने अधिकारों को पाने में असमर्थ हैं
चिंता , सुनारी बांसखोर ,प्रेम ,प्रेम , रीता ,ममता ,मनसा, पूजा, उर्मिला , आदि महिलाएं मौजूद रही

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