रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन
गाजीपुर। कुपोषण से बचाव को लेकर भारत सरकार के द्वारा 1 सितंबर से 30 सितंबर तक पोषण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस पखवाड़े में कुपोषित बच्चों और गर्भवती माता को कुपोषण से बचाव को लेकर कई तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से कई तरह के बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को पोषण पाठशाला का आयोजन दोपहर 12 बजे से 2 तक किया गया जिसकी थीम कुपोषण का प्रकार कारण एवं 6 माह से छोटे शिशु के लिए पोषण सेवाएं रहा। जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार उत्तर प्रदेश लखनऊ के द्वारा एक पत्र आया था। जिसके क्रम में सोमवार को पोषण पाठशाला का आयोजन हुआ। जिसमें एनआईसी के माध्यम से वह स्वयं और सीडीपीओ और अन्य लोग शामिल रहे तो वही आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनवाड़ी, मुख्य सेविका, और सुपरवाइजर भी लाभार्थियों के साथ इस पोषण पाठशाला में ऑनलाइन शामिल हुई।
उन्होंने बताया कि इस पाठशाला में विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त विशेषज्ञों के द्वारा उक्त थीम पर हिंदी में विस्तार से 6 माह से कम बच्चों को कुपोषण से कैसे बचाया जाए । साथ ही साथ स्तनपान का छोटे बच्चों में क्या महत्व है। इस बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। इस पाठशाला में कुछ सीडीपीओ और आंगनबाड़ियों के द्वारा भी प्रश्न पूछे गए उस प्रश्न का जवाब विशेषज्ञों के द्वारा दिया गया। पाठशाला में कुपोषण के कारण दुष्प्रभाव एवं प्रकार के साथ ही बीमारी एवं कुपोषण का दुष्चक्र, कुपोषण की अवस्थाएं एवं पहचान के साथ ही वजन लंबाई एवं ऊंचाई लेने के तरीके के साथ ही माप लेते वक्त अक्सर की जाने वाली गलतियों के बारे में भी विस्तृत रूप से बताया गया।