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न्याय की आस में निराश वृद्ध महिला को नहीं मिला इच्छा मृत्यु का आदेश, दोनो आंखो की सुर ठोकर खाने को मजबूर

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर । एक 75 वर्षीय वृद्ध महिला ने अपने लिए इच्छामृत्यु की मांग कर डाली। महिला ने डीएम के नाम आवेदन दिया है। महिला ने तहसीलदार तथा पेशकार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। खुदया खातून पुत्री स्व0 समसुलहक खां ग्राम व पोस्ट रक्सहा थाना दिलदारनगर तहसील सेवराई जनपद गाजीपुर का निवासी है। खुदया खातून जन्म से ही दृष्टि विहीन है तथा अविवाहित है उसका कोई सहारा नहीं है। खुदाया खातून की जमीन मौजा रकसहा में स्थित है आराजी नंबर 1110 रकबा 0.0330 हे0 व 1033 रकबा 100हे0 जो हमारे चाचा के लड़कों अलीशेर खां, शहाबुद्दीन खां, पुत्रगण मजलेहक खां निवासी रक्सहा तहसील सेवराई जिला गाजीपुर के क्षेत्री लेखपाल व कानून से मिलकर हमारे पिता की उक्त आरजी की जमीन को अपने नाम वरासत कर लिया, तथा आराजी नंबर 1110 की भूमि हमारे नाम खतौनी में दर्ज है। उक्त भूमि को भी हमारे उक्त चाचा के लड़के ने कब्जा कर लिए हैं उक्त संबंध में जिलाधिकारी कार्यालय में इसके पहले प्रार्थना पत्र दिया था। इसके एवज में उक्त जमीन की जांच हुई और जांच के बाद तहसीलदार सेवराई मे मुकदमा दर्ज हुआ, जिसका मुकदमा नंबर टी0202214290702728 है तथा मेरी बयान हुई, और साक्ष लिए गए। उक्त साक्ष लिए लगभग 9 माह हो गया लेकिन अभी तक हमारा कोई सुनवाई नहीं की गई। हमने तहसीलदार सेवराई से मिली तो उन्होंने कहा कि आपका बयान नहीं हुआ है और नहीं साक्ष लगा है। हमारी फाइल कहां गई। आज तक पता नहीं चला, ऐसी दशा में हम विवस होकर जिलधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया कि मुझे न्याय मिल सके। महिला ने बताया कि मैं वृद्धा, दृष्टिहीन, अविवाहित महिला हूं। मेरी आय का कोई साधन नहीं है। मेरा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है तहसीलदार एवं पेशकार द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसके कारण से मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुकी हूं। मेरे खुद का जमीन होते हुए भी मैं भीख मांग रही हूं। मुझे न्याय नहीं मिल रहा है।
जिलाधिकारी द्वारा आदेश किया गया। एसडीएम सेवराई/ SHO दिलदारनगर खुदया खातून का नाम राजस्व अभिलेख में है। किंतु विपक्षियों ने कब्जा कर रखा है। Nt की अध्यक्षता में राजस्व टीम के साथ पुलिस को मौके पर भेज कर अवैध कब्जा मुक्त कारये।
जिलाधिकारी के आदेश का पालन नहीं हुआ न्याय न मिलने से आहत हूं। जिला अधिकारी के आदेश के बाद भी तहसील में न्याय नहीं मिल रहा है। मै एक साल से तहसील का चक्कर काट रही हूं। जो की दृष्टि विहीन हूं व अविवाहित हूं मेरे बुढ़ापे का कोई सहारा नहीं है।
इससे अच्छा है डीएम साहब मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान कर दें।

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