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दुर्गा प्रतिमा का अंतिम रूप देने जुटा मूर्तिकार

यहां की दुर्गा प्रतिमाओं की अन्य जिलों में है डिमांड

सामान की बढ़ी कीमत तो महंगी हो गई दुर्गा प्रतिमा

स्वतंत्र पत्रकार विजन
रामविलास प्रजापति

संत कबीर नगर मेंहदावल। नवरात्र का पर्व करीब है। मेंहदावल नगर स्थित मूर्तिकारों ने पितृपक्ष से पूर्व ही दुर्गा प्रतिमा बनाने की तैयारी शुरू दी है। यहां के मूर्तिकारों के जरिए बनाई गई मूर्ति का खुद के जनपद के अलावा अन्य जनपदों में भी अच्छी खासी डिमांड है। वर्तमान में मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

मेंहदावल नगर व इसके अगल-बगल के क्षेत्र में करीब दो किलोमीटर की परिधि में कल 20 मूर्तिकार हैं। जिनकी रोजी-रोटी दुर्गा प्रतिमा बनाने से जुड़ी हुई हैं। इसी से उनके परिवार का जीविकोपार्जन चलता है। मेहदावल नगर पंचायत के पुरवा वार्ड निवासी दिलीप कुमार प्रजापति क्षेत्र के जाने-माने मूर्तिकार है। उनके हाथों बनाई गई प्रतिमा की मांग दूर-दूर तक है। बातचीत में इन्होंने बताया कि यहां की बनी दुर्गा प्रतिमा की मांग गैर जनपदों में खूब है। जिले के साथ ही गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर जनपदों में मूर्ति जाती है। नवरात्र पर्व से तीन महीना पहले ही लोग मूर्ति बनाने के लिए ऑर्डर देना शुरू कर देते हैं। आर्डर के अलावा भी हम लोग मूर्ति बनाते हैं, लेकिन महंगाई चरम पर है। मिट्टी, बांस, पुआल, रंग व लकड़ी की कीमत बढ़ गई है। ऐसे में मेहनत की अपेक्षा मूर्ति की कीमत वह नहीं मिल पाती। जिसकी अपेक्षा मूर्तिकार रखता है। इस कारण बाहर जाकर मजदूरी भी करनी पड़ती है। बंगाल, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात तथा दक्षिण भारत के कई हिस्सों में जाकर प्रतिमा बनाने का कार्य करते है। नवरात्र पर्व से पहले यहां आ जाता हूं। वही मूर्तिकार राम वेलास प्रजापति ने बताया कि मूर्ति बनाने के लिए काली मिट्टी की आवश्यकता होती है जो 4000 से 4500 रुपये ट्रॉली आती है। जबकि पीली मिट्टी 2000 रुपये ट्राॅली है। पुआल की कीमत भी मूर्ति कारों के लिए बढ़ जाती है यह भी 2000 रुपये ट्राली मिलती है। बांस की कीमत भी चरम पर है एक बस की कीमत 180 रुपये से 220 रुपये तक पड़ता है। नकाशी के साथ दुर्गा प्रतिमा बनाई जाती है, जिसकी ऊंचाई सात फीट होती है वह 18 से 19 हजार रुपये में बिकता है जबकि सादी प्रतिमा की कीमत सात से 8000 रुपये ही मिल पाती है। नक्काशी के साथ काम करने में प्रतिमा बनाने में 10 से 12 दिन लगते हैं जबकि सादी प्रतिमा बनाने में तीन से चार दिन लगता है। दुर्गा प्रतिमा के साथ ही गणेश की प्रतिमा और दीपावली पर्व पर लक्ष्मी जी की मूर्ति बनाने का कार्य भी हम लोग करते हैं। यह पुश्तैनी रोजी-रोटी से जुड़ा कारोबार है। गणेश चित्र मंदिर द्वारा बनाई हुई मूर्तियां कई जनपदों में है डिमांड यह नगर पंचायत मेहदावल के करमैनी रोड संस्कार मंडप के पास है। राम बेलास प्रजापती, राम केश,अंग्रेज मूर्तिकार,राम रतन मूर्तिकार,छोटे लाल, शनि मूर्तिकार,मेढ़ई मूर्तिकार, सूरज मूर्तिकार, दिनेश मूर्तिकार, यादि मूर्तिकार मां दुर्गा प्रतिमा का अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

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