स्वतंत्र पत्रकार विज़न
गुड्डू यादव
गाजीपुर : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज गाजीपुर में 23 अगस्त 2024 को जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी आयोजित हुआ था। इसमें किसानों की उपस्थिति न के बराबर रही। ज्यादा कुर्सियां खाली रह गई। वहीं, विभागीय अधिकारी भी सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आए रहे है।भारत सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया था। इसमें किसानों को जैविक खेती करना, पशुपालन करना, कंपोस्ट खाद बनाना, अपने परिवार को निरोगी रहने के लिए निरोगी अनाज को पैदा करना मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज गाज़ीपुर में जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया था। जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी में कर्मचारी और अधिकारी तो रहे, लेकिन किसानों की संख्या न के बराबर रही। अलग-अलग विकास खंडवार के किसानों ने बताया कि जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी में उपस्थित होने के लिए किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई थी। किसानो का कहना है कि सरकार ने जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी के नाम पर पैसे खर्च करती है, लेकिन धरातल पर काम केवल कागजों पर होता है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बाबू के कारनामे की बात करें तो बीते 23 अगस्त को आयोजित जनपद स्तरीय किसान गोष्ठी कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज वर्ष 2024 ,25 योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी में अलग-अलग विकास खंडवार से कई बस दिखाकर करीब 57 हजार रुपए का बिल लगे हैं जिसमें दिखाया गया है कि बस द्वारा जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी, मेले में किसानों को लाया गया है जबकि सूत्रों से जानकारी मिली है कि कहीं कोई किसान के लिए बस नहीं भेजी गई थी। आपको बता दें कि कृषि उपनिदेशक अतिंद्र सिंह से जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी में लाई गई बस के बारे जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कासिमाबाद से शेखनपुर, लावा, खालिसपुर, सुसुंडी, चटाईपारा, महमुदपुर मोहम्मदाबाद आदि जगहों पर बस भेजा गया था जब इसका फोटोग्राफ और किसान का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा की तहसील दिवस में है अपने कर्मचारियों को बोलता हूं लेकिन कर्मचारी ने सिर्फ कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कॉलेज के आयोजित गोष्ठी की फोटो भेजी कई बार बस से संबंधित जानकारी मांगी गई तो नहीं मिली।किसानो का कहना है कि सरकार को इस तरह के मेलों की वीडियो रिकार्डिंग करवानी चाहिए।