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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन

चन्द्रशेखर यादव की रिपोर्ट

मेहदावल,संत कबीर नगर
संत कबीर नगर के मेहदावल क्षेत्र के करमैनी घाट,बढया बेलौहा साडे सहित अन्य जगहो पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन हो गया ये चार दिनों तक चलने वाला महापर्व नहाय खाय से शुरू होकर सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ ही खत्म हो जाता है । बता दें कि, यह व्रत कुल 36 घंटे का होता है । इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ के व्रत का पारण किया जाता है इस दिन व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उदित होते सूर्य को अर्घ्य देते हैं इसके बाद सूर्य देव और छठ माता से संतान के सुखी जीवन और परिवार की सुख-शांति की कामना करते हैं ।छठ पूजा मनाने के लिए ठंड वाली सुबह से ही मेहदावल क्षेत्र के करमैनी घाट साडे शिवमंदिर बेलौहा बढया सहित अन्य घाट पर बड़ी धूम धाम से मनाया गया वहीं अलग अलग जगहो पर छठ पूजा के लिए रोशनी की व्यवस्था की गई ।जहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। वहीं बांस की टोकरी में मौसमी फल, ठेकुआ, गन्ना और पूजा का सामान सजाया गया और छठ गीतों के साथ घाट भी छठ की छटा से चमक रहे थे।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने घाटों पर आस्था की डुबकी भी लगाई. छठ व्रतियों को किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े. इसके लिए प्रशासन द्वारा घाटों पर हर चीज की व्यवस्था की गई थी. जहां महिला से लेकर पुरुष तक घाट में डुबकी लगाकर उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर इस पूजा का समापन किया। पूजा के समापन होने के बाद लोगों ने एक दूसरे को प्रसाद भी बांटा गया।

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