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संस्थापक सचिव/प्रबंधक जन्मशताब्दी वर्ष समारोह पर छात्र – छात्राओं को वितरित किया गया प्रमाण-पत्र

रिपोर्ट गुड्डू यादव
स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाजीपुर। आज पी० जी० कॉलेज में संस्थापक सचिव /प्रबंधक जनशताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया गया। परिसर में स्थापित कर्मयोगी बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की मूर्ति का माल्यार्पण प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय एवं चीफ प्रॉक्टर प्रोफे० (डॉ०) एस० डी० सिंह परिहार ने संयुक्त रूप से किया।
वहीं संस्थापक सचिव /प्रबंधक के 100 वें जन्म जयंती पर वर्ष भर चले विभिन्न एकेडमिक कार्यक्रमों में विजयी छात्र-छात्राओं को प्राचार्य द्वारा मेडल पहनाकर एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। पी० जी० कॉलेज और अविष्कार फाउंडेशन की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया यूथ एंटरप्रेन्योर प्रोग्राम 2023 में कॉमर्स विभाग की पांच छात्रों को पुरस्कृत करने के लिए चयनित किया गया है। इनमें तान्या, मुस्कान, शिवानी, सौम्या, आनन्दी शामिल है। छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित सम्मान समारोह में प्राचार्य ने मुखातिब होते हुए बताया कि एकेडमिक जीवन में छात्र-छात्राओं को महज किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। व्यक्तित्व के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों में समय-समय पर हिस्सा लेते रहना चाहिए। विगत दिनों आविष्कार फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम से युवाओं को अपने विचारों के अभिव्यक्ति का एक मंच मिला है, जो की सराहनीय है। आगे भी महाविद्यालय में विभिन्न विभागों की ओर से अलग-अलग अकादमिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संस्थापक सचिव बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की एक सौ वीं जन्म जयंती समारोह में बोलते हुए प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि सही मायने में वह कर्मयोगी थे। उन्हें लहुरी काशी का मालवीय भी कहा जाता है। वह शिक्षा के महत्व को बखूबी जानते थे। उन्हीं के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पी० जी० कॉलेज, वर्तमान नेहरू स्टेडियम एवं राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज की स्थापना हुई थी। आदर्श इंटर कॉलेज, कृषि विज्ञान केंद्र और तकनीकी शिक्षा एवं शोध संस्थान की स्थापना में भी उन्हीं का हाथ था। शिक्षा से ही बेहतर समाज की परिकल्पना चरितार्थ हो सकती है
बेहतर समाज से ही बेहतर राष्ट्र की परिकल्पना सिद्ध होना सम्भव है।
कार्यक्रम के दौरान प्रोफे० (डॉ०) एस० एन० सिंह, डॉ० रामदुलारे, डॉ० मनोज मिश्रा, डॉ० संतोष कुमार सिंह, डॉ० धर्मेन्द्र, श्री प्रदीप रंजन, डॉ० पी० के० सिंह सहित समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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