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काव्य-संग्रह ‘भावों के उपवन में’ का हुआ विमोचन

रिपोर्ट कमलेश कुमार स्वतंत्र पत्रकार विजन

गाज़ीपुर। साहित्य चेतना समाज’ के तत्वावधान में प्रथम ‘चेतना-प्रवाह’ कार्यक्रम के अंतर्गत कवयित्री शालिनी श्रीवास्तव के पहले काव्य-संग्रह ‘भावों के उपवन में’ का भव्य विमोचन-समारोह, नगर के नाइस पब्लिक स्कूल,पीरनगर के सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कवयित्री रश्मि शाक्य के वाणी-वंदना से हुआ। विद्वत्जन के करकमलों द्वारा पुस्तक-लोकार्पण के उपरान्त कवयित्री शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी रचना-प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए अपनी कविताओं का वाचन किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पुस्तक पर परिचर्चा हुई। डॉ.अक्षय पाण्डेय ने पुस्तक-प्रकाशन हेतु कवयित्री को स्नेहिल बधाई के साथ काव्य-संग्रह का आधारभूत परिचय देते हुए इसमें संगृहीत कविताओं को विविध संदर्भों को प्रकाशित करने वाली श्रेष्ठ समकालीन कविता कहा। साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने ‘चेतना-प्रवाह’ के मूल उद्देश्य को बताते हुए वर्तमान समय में समाज को सार्थक साहित्य के प्रति जन-जागृति की जरूरत को रेखांकित किया, साथ ही कवयित्री को पुस्तक-प्रकाशन के लिए भूरिशः बधाई दी। ‘हिन्दी श्री’ संस्था के संस्थापक एवं इस काव्य-संग्रह के प्रकाशक कवि आनन्द अमित ने प्रथम काव्यकृति के प्रकाशन पर शुभकामनाओं के साथ ही कवयित्री को ‘हिन्दी श्री’ सम्मान से अलंकृत किया। मुख्य वक्ता के रूप में पीजी कॉलेज के हिन्दी-विभागाध्यक्ष डॉ.विनय कुमार दूबे ने कविताओं में विषय-वैविध्य एवं विमर्ष-वैविध्य को दर्शाते हुए कविताओं की गहरी अर्थ-व्यंजकता की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया साथ ही कविताओं में शब्दों के सुगठन एवं संयोजन की प्रशंसा की। इसी क्रम में वरिष्ठ कवि अनन्तदेव पाण्डेय ‘अनन्त’ कामेश्वर द्विवेदी, गजाधर शर्मा ‘गंंगेश’एवं कवयित्री रिंपू सिंह ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए। अन्त में इस पुस्तक-परिचर्चा-सत्र की अध्यक्षता कर रहे पीजी कॉलेज गाजीपुर के पूर्व विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान डॉ.अम्बिका पाण्डेय ने कहा कि अर्थवत्ता के साथ ही सरसता, सहजता और सरलता जैसे गुण-धर्म किसी भी कविता को सार्थक एवं श्रेष्ठ कविता बना देते हैं। इस दृष्टि से शालिनी श्रीवास्तव आने वाले समय में एक श्रेष्ठ कवयित्री के रूप पहचानी जाएंगी। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में नगर के वरिष्ठ कवि अनन्तदेव पाण्डेय ‘अनन्त’ की अध्यक्षता में एक सरस काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें अनन्तदेव पाण्डेय ‘अनन्त’,कामेश्वर द्विवेदी, अमरनाथ तिवारी ‘अमर’,गजाधर शर्मा गंंगेश आनन्द अमित,हरिशंकर पाण्डेय, गोपाल गौरव, डॉ.अक्षय पाण्डेय, दिनेश शर्मा,विजय कुमार मधुरेश,रश्मि शाक्य,पूजा राय, अनुश्री,रिम्पू सिंह एवं शिवप्रकाश ‘साहित्य’ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। श्रोता के रूप में सिद्धार्थ शरण श्रीवास्तव, आशुतोष पाण्डेय, विपिन विहारी वर्मा, डॉ, रविनंदन वर्मा,मिलन प्रजापति आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन सुपरिचित नवगीतकार डॉ.अक्षय पाण्डेय ने किया।अन्त में साहित्य चेतना समाज के संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी ने समस्त वक्ता,कवि गण एवं आगंतुक श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

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